iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय आयातकों को उम्मीद है कि राजनयिक विवाद के बावजूद कनाडा से भारत में मसूर एवं पोटाश (खाद) के आयात में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी। इसका नियमित रूप से आयात हो रहा है और इसका सिलसिला आगे भी बरकरार रह सकता है।
उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में भारत और कनाडा के बीच राजनयिक रिश्तों में भारी खटास आ गई है और दोनों देशों ने छह-छह अधिकारियों को निस्कासित करने का आदेश दे दिया।
लेकिन दोनों देशों के व्यपारिक सम्बन्ध पर अभी तक इसका कोई असर नहीं पड़ा है। यह अलग बात है कि भविष्य के जोखिम को ध्यान में रखते हुए कुछ भारतीय आयातकों ने कनाडा के बजाए ऑस्ट्रेलिया से मसूर की खरीद को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है।
भारत में कनाडा से मसूर, मटर एवं पोटाश का आयात बड़े पैमाने पर हो रहा था मगर हाल के दिनों में इसकी रफ्तार घट गई है। भारत दुनिया में मसूर सहित दलहनों का सबसे प्रमुख आयातक देश बना हुआ है।
समझा जाता है कि भारतीय व्यापारियों द्वारा पहले ही अक्टूबर एवं नवम्बर शिपमेंट के लिए कनाडा से आयात अनुबंध किए जा चुके हैं और इसका आयात सही समय पर होने की उम्मीद है।
इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन के चेयरमैन के अनुसार कनाडा से मसूर के आयात में फिलहाल कोई समस्या नहीं है। भारत में लाल मसूर का आयात मुख्यत: कनाडा, ऑस्ट्रेलिया एवं रूस से होता है जबकि कनाडा एवं रूस से पीली मटर का भी भारी आयात किया जाता है।
भारत में मसूर की खपत बढ़कर 25 लाख टन से ऊपर पहुंच गई है जबकि इसका उत्पादन 15 लाख टन से भी कम हो रहा है। मसूर का आयात 31 मार्च 2025 तक शुल्क मुक्त है। यदि व्यापारिक रिश्ते में खराबी आई तो इससे भारत और कनाडा- दोनों देशों को नुकसान होगा।