iGrain India - मास्को । एक अग्रणी कृषि परामर्श फर्म ने रूस में वर्ष 2025 के लिए गेहूं उत्पादन का अपना पहला अनुमान जारी करते हुए कहा है कि देश के कुछ महत्वपूर्ण उत्पादक इलाकों में बारिश का अभाव होने से एक बार फिर पैदावार में गिरावट आ सकती है।
फर्म के अनुसार वर्ष 2024 के दौरान रूस में करीब 815 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ जो वर्ष 2025 में घटकर 801 लाख टन पर सिमट सकता है।
उल्लेखनीय है कि रूस में पिछले पांच वर्षों के गेहूं उत्पादन का औसत आंकड़ा 881 लाख टन रहा है जिसके मुकाबले अगले साल का उत्पादन 80 लाख टन कम हो सकता है।
फर्म के मुताबिक गेहूं का उत्पादन घटकर पिछले चार वर्षों के निचले स्तर सिमटने की संभावना है क्योंकि वहां शीत कालीन गेहूं के प्रमुख उत्पादक इलाकों में मौसम की हालत प्रतिकूल बनी हुई है।
इसे देखते हुए फर्म ने रूस में शीतकालीन गेहूं की औसत उपज दर घटकर 3.43 टन प्रति हेक्टेयर रह जाने की संभावना व्यक्त की है जो वर्ष 2019 के बाद सबसे कम है। वसंतकालीन गेहूं की औसत उत्पादकता 2.10 टन प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान लगाया गया है।
लम्बे समय से प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में अच्छी बारिश नहीं होने के कारण खेतों की मिटटी में नमी का भारी अभाव देखा जा रहा है। कई क्षेत्रों में तो यह घटकर पिछले एक दशक में सबसे कम रह गया है।
इससे शीतकालीन गेहूं की बिजाई एवं प्रगति पर गहरा प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है। परामर्श फर्म के अनुसार पिछले एक माह के दौरान रूस के मध्यवर्ती, दक्षिणी एवं वोल्गा संभाग में मौसम आमतौर पर शुल्क बना रहा और बारिश बहुत कम या नगण्य हुई।
कुछ इलाकों में हल्की बारिश होने से स्थिति में कुछ सुधर आया लेकिन आमतौर पर माना जा रहा है कि शीतकालीन गेहूं की फसल खराब स्थिति के साथ ठंड के मौसम में प्रवेश करेगी।
इसका बिजाई क्षेत्र 7 लाख हेक्टेयर घटकर 154 लाख हेक्टेयर पर सिमटने की संभावना है लेकिन वसंतकालीन गेहूं का क्षेत्रफल 6 लाख हेक्टेयर की वृद्धि के साथ 130 लाख हेक्टेयर पर पहुंचने के आसार हैं। इससे कुल उत्पादन में कम गिरावट आएगी।