iGrain India - नई दिल्ली । घरेलू प्रभाग में चीनी का औसत खुदरा बिक्री मूल्य 45 रुपए प्रति किलो के आसपास चल रहा है जिसे देखते हुए मंत्रियों की समिति ने इसके एक्सफैक्टरी न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोत्तरी करने के प्रस्ताव को फिलहाल स्थगित कर दिया है। उल्लेखनीय है कि अंतिम बार चीनी के एमएसपी में छह साल पहले इजाफा किया गया था।
उल्लेखनीय है कि गन्ना उत्पादकों के हितों की रक्षा के उद्देश्य से जून 2018 में चीनी का एमएसपी निर्धारित करने की अवधारणा लागू हुई थी ताकि उद्योग को चीनी के उत्पादन का कम से कम न्यूनतम खर्च जरूर हासिल हो सके।
इसका एक उद्देश्य यह भी था कि किसानों को सही समय पर गन्ना के मूल्य का भुगतान करने हेतु चीनी मिलों को आर्थिक दृष्टि से सक्षम बनाया जा सके।
वर्ष 2018 में चीनी का एक्स फैक्टरी न्यूनतम बिक्री मूल्य 2900 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया था जिसे वर्ष 2019 में 200 रुपए बढ़ाकर 3100 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया।
उसके बाद से अभी तक इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है जबकि चीनी उद्योग सरकार से बार-बार एमएसपी बढ़ाने का आग्रह करवा रहा। हालांकि सरकार ने पहले इसका आश्वासन और संकेत दिया था मगर कुछ कारणों से इस पर निर्णय नहीं लिया जा सका।
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने गन्ना के उचित एवं लाभप्रद मूल्य (एफआरपी) के आधार पर चीनी के न्यूतनम बिक्री मूल्य की समीक्षा नियमित रूप से करने का सुझाव दिया था लेकिन इस पर अभी तक अमल नहीं किया गया है।
पिछले कई महीनों से चीनी का खुदरा मूल्य ऊंचे स्तर पर चल रहा है इसलिए सरकार इसका एमएसपी बढ़ाकर बाजार को और तेज नहीं करना चाहती है। त्यौहारी सीजन में अक्सर चीनी की घरेलू मांग, खपत एवं कीमत बढ़ जाती है। चीनी का निर्यात जून 2023 से ही बंद है।