iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय पूल में न केवल चवल का भरपूर स्टॉक मौजूद है बल्कि आगे भी पर्याप्त भंडार उपलब्ध रहने की संभावना है। 1 अप्रैल 2024 को वर्तमान वित्त वर्ष के आरंभ में 302 लाख टन चावल का स्टॉक था जो इस तिथि के लिए न्यूनतम आवश्यक मात्रा 136 लाख टन के दोगुने से भी काफी अधिक था।
अप्रैल 2024 से मार्च 2025 के बीच 520 लाख टन चावल की सरकारी खरीद होने का अनुमान है जिससे इसकी कुल उपलब्धता बढ़कर 822 लाख टन पर पहुंच जाएगी।
इस अवधि के दौरान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून, अन्य कल्याणकारी योजनाओं, खुले बाजार बिक्री योजना तथा भारत ब्रांड बिक्री योजना के तहत कुल मिलाकर 411 लाख टन चावल का आवंटन / वितरण होने की उम्मीद है और इसके बाद 31 मार्च 2025 को केन्द्रीय पूल में 411 लाख टन चावल का बकाया अधिशेष स्टॉक बच सकता है।
इसमें से यदि 136 लाख टन के न्यूनतम आवश्यक स्टॉक को आरक्षित कर दिया जाए तब भी केन्द्रीय पूल में 275 लाख टन चावल का भंडार बच जाएगा।
हालांकि भारत सरकार अन्य जरूरतमंद देशों की आंतरिक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चावल का निर्यात कोटा आवंटित करती रही है मगर इसके शिपमेंट की गति काफी धीमी रही।
अब तो साबुत श्रेणी के सभी चावल के शुल्क मुक्त एवं नियंत्रण मुक्त निर्यात की अनुमति दे दी गई है इसलिए सरकारी चावल का शिपमेंट बहुत कम हो सकता है। वैसे बांग्ला देश की सरकार ने 5 लाख टन चावल मंगाने का फैसला किया है।