🏃 इस ब्लैक फ्राइडे ऑफर का लाभ जल्दी उठाएँ। InvestingPro पर अभी 55% तक की छूट पाएँ!सेल को क्लेम करें

खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में हुई वृद्धि बरकरार रहने की संभावना

प्रकाशित 25/10/2024, 09:49 pm
खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में हुई वृद्धि बरकरार रहने की संभावना

iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि भारत में खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में हुई बढ़ोत्तरी के बावजूद वैश्विक बाजार में भाव ऊंचे स्तर पर बरकरार है जिससे इसका आयात काफी महंगा बैठ रहा है और घरेलू बाजार मूल्य भी काफी ऊंचा होने से आम लोगों की कठिनाई बढ़ गई है लेकिन इसके बावजूद सरकार ने इस शुल्क वृद्धि को तत्काल वापस लेने की संभावना से इंकार कर दिया है।

सरकार का तर्क है कि देश को खाद्य तेल-तिलहन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए वर्तमान शुल्क संरचना को बरकरार रखने की आवश्यकता है। तिलहन उत्पादकों को इससे बेहतर मूल्य की वापसी सुनिश्चित हो सकेगी। 

वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सरकार कुछ खाद्य तेलों के वैश्विक बाजार मूल्य में आई तेजी से अवगत है जिसका प्रमुख कारण ब्राजील एवं अर्जेन्टीना जैसे देशों में शुष्क मौसम के कारण सोयाबीन की बिजाई प्रभावित होना है

लेकिन लम्बे समय तक खाद्य तेलों पर मूल्य प्रतिशत अथवा अत्यन्त नीचे स्तर का आयात शुल्क लागू रखने के बाद अब इसमें 22 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। घरेलू उपभोक्ताओं को नए मूल्य के साथ एडजस्ट करना होगा। 

लेकिन अधिकारियों ने इस बात पर भी जोर दिया है कि पिछले महीने सीमा शुल्क में हुई बढ़ोत्तरी से पूर्व देश में जिस खाद्य तेल का सस्ते दाम पर आयात हुआ था, उद्योग को उसका दाम नहीं बढ़ाना चाहिए।

पिछले एक माह की तुलना में 23 अक्टूबर तक वैश्विक बाजार में सोयाबीन के दाम में 16 प्रतिशत, सूरजमुखी के भाव में 12 प्रतिशत एवं ऑयल पाम के मूल्य में 10 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया।

मालूम हो कि भारत सरकार ने 13 सितम्बर 2024 को क्रूड एवं रिफाइंड खाद्य तेलों पर बुनियादी आयात शुल्क में 20 प्रतिशत (सेस सहित 229 प्रतिशत) की बढ़ोत्तरी कर दी थी।

इसके फलस्वरूप अब क्रूड श्रेणी के खाद्य तेलों पर 27.5 प्रतिशत तथा रिफाइंड खाद्य तेलों पर 35.75 प्रतिशत का आयात शुल्क लागू हो गया है। 

उपभोक्ता मामले विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि 23 अक्टूबर को अखिल भारतीय स्तर पर सोयाबीन तेल का औसत खुदर मूल्य 137 रुपए प्रति लीटर, सूरजमुखी तेल का 142 रुपए प्रति लीटर तथा पाम तेल का 123 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया जबकि एक माह पूर्व यह भाव क्रमश: 127 रुपए, 129 रुपए तथा 110 रुपए प्रति लीटर चल रहा था। सरसों तेल का खुदरा मूल्य भी इस अवधि में 151 रुपये से 13 रुपए बढ़कर 164 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया।

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित