iGrain India - नई दिल्ली। अनाज आधारित डिस्टीलरीज ने केन्द्र सरकार से कहा है कि वह मक्का तथा क्षतिग्रस्त अनाज से निर्मित एथनॉल की खरीद का मूल्य तत्काल बढ़ाने का निर्देश तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को दे ताकि डिस्टीलर्स को अपने प्लांटों को चालू रखने में होने वाले भारी घाटे से बचाया जा सके।
कुछ सप्ताह पूर्व डिस्टीलर्स ने वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को सूचित किया था कि ओएमसी अनाज से निर्मित एथनॉल की खरीद जिस मूल्य स्तर पर कर रही है उसे कच्चे माल के मूल्य सहित अन्य खर्चों के आधार पर निर्धारित किया जाना चाहिए जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), मंडी शुल्क, भंडारण तथा परिवहन का खर्च भी शामिल हो।
डिस्टीलर्स ने कहा था कि भारतीय खाद्य निगम से चावल के अधिशेष स्टॉक की आपूर्ति डिस्टीलर्स को अगले तीन-चार वर्षों तक जारी रखी जानी चाहिए जब तक देश में मक्का के उत्पादन में भारी बढ़ोत्तरी न हो जाए। ध्यान देने की बात है कि लगभग एक साल तक खाद्य निगम ने डिस्टीलरीज के लिए चावल की आपूर्ति बंद रखने के बाद हाल ही में इसे दोबारा शुरू किया है।
डिस्टीलर्स के लिए अब 23 लाख टन चावल का स्टॉक आवंटित किया गया है। डिस्टीलर्स ने यह मांग भी रखी थी कि सभी तरह के अनाज से निर्मित एथनॉल का मूल्य एक सामान नियत होना चाहिए और वर्ष 2025 से अगले फ्लेक्स ईंधन वाले वाहनों के माध्यम से एथनॉल की खपत के लिए एक रोडमेप तैयार करने की आवश्यकता है।
डिस्टीलर्स का कहना था कि उसे मक्का से एथनॉल के निर्माण पर 9.28 रुपए प्रति बल्क लीटर तथा क्षतिग्रस्त आनाज से एथनॉल के उत्पादन पर 8.36 रुपए प्रति बल्क लीटर का आर्थिक नुकसान हो रहा है। सरकार को तत्काल इस पर ध्यान देना चाहिए।