iGrain India - वैंकुवर । पश्चिमी कनाडा की मंडियों में काबुली चना का भाव वर्तमान मार्केटिंग सीजन के आरंभ से ही एक निश्चित सीमा में स्थिर बना हुआ है क्योंकि इसके निर्यात शिपमेंट की गति धीमी चल रही है और विदेशी आयातक इसकी खरीद में कोई जल्दबाजी नहीं दिखा रही है यह सामान्य परिपाटी के विपरीत है क्योंकि आमतौर पर अगस्त से दिसम्बर के दौरान कनाडाई चना का अच्छा निर्यात होता रहा है।
समीक्षकों के मुताबिक वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो भारत में देसी चना का आयात तेजी से बढ़ने लगा है और इसका सिलसिला आगे भी बरकरार रहने की उम्मीद है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में नए चने की आवक शुरू हो गई है।
इससे भारत को रबी सीजन में नई फसल की कटाई-तैयारी शुरू होने तक चना की घरेलू मांग एवं जरूरत को पूरा करने में सहायता मिलेगी।
ऑस्ट्रेलिया का चना शीघ्र ही भारत, पाकिस्तान तथा बांग्ला देश सहित अन्य कई देशों में पहुंच सकता है जिससे कनाडा को काबुली चना के निर्यात की गति बढ़ाने में कठिनाई हो सकती है।
वर्तमान समय में कनाडाई मार्केट में नम्बर 2 ग्रेड के काबुली चने का भाव 40 सेंट प्रति पौंड के आसपास स्थिर बना हुआ है जिसमें 7 मि०मी० आकर के दाने का मिश्रण 10 से 15 प्रतिशत तथा 9 मि०मी० वाले दाने का मिश्रण 30 प्रतिशत है। वर्षांत तक की डिलीवरी के लिए यह मूल्य स्तर है। इससे बेहतर क्वालिटी के माल का भाव कुछ ऊपर चल रहा है।
भारत में चना की बिजाई का सीजन औपचारिक तौर पर आरंभ हो गया है। बाजार भाव काफी ऊंचा होने से इस बार क्षेत्रफल बढ़ने के आसार हैं।
सरकार ने चना का न्यूतनम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी बढ़ा दिया है। ऑस्ट्रेलिया में एक बार फिर चना का शानदार उत्पादन होने वाला है जिससे निर्यात योग्य स्टॉक बढ़ जाएगा।