iGrain India - ढाका । बांग्ला देश की सरकारी अनाज खरीद एजेंसी जारी 50 हजार टन चावल के आयात टेंडर में भारतीय चावल के लिए ऑफर मूल्य सबसे कम या आकर्षक रहा और इसलिए भारत को यह टेंडर हासिल होने की पूरी उम्मीद है।
5 नवम्बर 2024 तक इस टेंडर के तहत बिड या ऑफर जमा होना था। इसमें भारतीय मूल के चावल का ऑफर मूल्य 477 डॉलर प्रति टन आंका गया जिसमें परिवहन (शिपमेंट) खर्च भी शामिल है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सभी ऑफर्स पर अभी विचार किया जा रहा है और फिलहाल चावल की कोई खरीद नहीं की गई है। समझा जाता है कि सबसे निचले स्तर का ऑफर मूल्य एक अग्रणी भारतीय कम्पनी का है।
इस टेंडर के तहत सीआईएफ लाइनर आउट टर्म में गैर बासमती सेला चावल के लिए ऑफर मूल्य आमंत्रित किया गया था। इसमें बंदरगाह पर जहाज से माल को उतारने का खर्च भी शामिल था। बांग्ला देश के चटगांव तथा मोंगला बंदरगाहों पर इस चावल का शिपमेंट होना है।
इस 50 हजार टन चावल आयात के टेंडर में कई अन्य कंपनियों ने भाग लिया था जिसका ऑफर मूल्य 477.77 डॉलर से लेकर 499.77 डॉलर प्रति टन के बीच रहा। इसमें भारत के अलावा थाईलैंड वियतनाम एवं म्यांमार मूल के चावल का ऑफर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि इस बार आंधी-तूफान, अत्यन्त मूसलाधार बारिश तथा भयंकर बाढ़ आदि के प्रकोप से बांग्ला देश में लगभग 11 लाख टन चावल के समतुल्य धान की फसल बर्बाद हो गई।
इससे वहां चावल की आपूर्ति एवं उपलब्धता में कमी आने की आशंका है जबकि कीमत तेज होने लगी है। इसे देखते हुए बांग्ला देश की सरकार ने अपने स्तर से 5 लाख टन चावल मंगाने का निर्णय लिया है और साथ ही साथ प्राइवेट व्यापरियों को चावल का आयात करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु आयात शुल्क में भारी कटौती भी कर दी है।
चूंकि भारतीय सेला चावल अब ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो गया है क्योंकि सरकार ने इसे शुल्क मुक्त कर दिया है इसलिए बांग्ला देश में इसका शानदार निर्यात होने की उम्मीद की जा रही है।