iGrain India - नई दिल्ली । खरीफ सीजन के दौरान बिजाई क्षेत्र में हुई अच्छी बढ़ोत्तरी के आधार पर केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने मूंगफली तथा सोयाबीन के उत्पादन में इजाफा होने का अनुमान लगाया है जबकि मंडियों में हो रही भारी आवक तथा कमजोर कीमत से भी इसकी पैदावार में वृद्धि होने के संकेत मिल रहे हैं।
कृषि मंत्रालय के अनुसार 2023-24 सीजन के मुकाबले 2024-25 के वर्तमान खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान मूंगफली का घरेलू उत्पादन 86.60 लाख टन से 17 लाख टन उछलकर 103.60 लाख टन तथा सोयाबीन का उत्पादन 130.60 लाख टन से 3 लाख टन बढ़कर 133.60 लाख टन पर पहुंच जाने का अनुमान है।
खरीफ सीजन के इन दोनों प्रमुख तिलहनों का थोक मंडी भाव अक्टूबर माह के दौरान नरम रहा जबकि इसके नए माल की भारी आवक होती रही। क्रशिंग-प्रोसेसिंग इकाइयों द्वारा ऊंचे दाम पर इसकी खरीद में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई गई क्योंकि उसे आपूर्ति का कोई संकट नजर नहीं आ रहा था।
केन्द्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंगफली एवं सोयाबीन-खरीदने का निर्णय लिया है लेकिन जब किसानों से इसकी जोरदार खरीद शुरू होगी तभी मंडी भाव में कुछ मजबूती आने की उम्मीद बन सकती है।
दिलचस्पी तथ्य यह है कि चालू खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए कृषि मंत्रालय द्वारा सोयाबीन एवं मूंगफली का जो उत्पादन अनुमान लगाया गया है वह सभी सम्बद्ध पक्षों से किए गए विचार-विमर्श पर आधारित है।
गुजरात में इस वर्ष मूंगफली के बिजाई क्षेत्र में काफी वृद्धि हुई और मौसम की हालत भी फसल के लिए अनुकूल रही इसलिए वहां औसत उपज दर में काफी सुधार आने के आसार हैं।
केन्द्र सरकार ने 2023-24 सीजन की तुलना में 2024-25 सीजन के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 6.3 प्रतिशत बढ़कर 4892 रुपए प्रति क्विंटल तथा मूंगफली का समर्थन मूल्य 6.4 प्रतिशत बढ़ाकर 6783 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।