iGrain India - हैदराबाद । जिनिंग मिलों के हड़ताल पर जाने तथा किसानों के विरोध प्रदर्शन करने से उत्पन्न विषम परिस्थिति को देखते हुए अंततः केन्द्र सरकार की अधीनस्थ एजेंसी- भारतीय कपास निगम (सीसीआई) उत्पादकों से रूई खरीदने के लिए क्वालिटी सम्बन्धी नए नियमों में ढील देने पर सहमत हो गई है।
इसके साथ ही वहां सरकारी क्रय केन्द्रों पर तत्काल प्रभाव से रूई की खरीद आरंभ करने का निर्णय लिया गया है जबकि पहले इसे रोक दिया गया था। अधिकारियों को शीघ्र ही खरीद सम्बन्धी नियमों का और भी विवरण जारी किए जाने की उम्मीद है।
ध्यान देने की बात है कि गतिरोध को दूर करने के लिए तेलंगाना सरकार ने सक्रियता दिखाई और सीसीआई के प्रबंध निदेशक तथा तेलंगाना कॉटन एसोसिएशन एवं तेलंगाना जिनिंग मिल्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक की व्यवस्था करवाई।
इस मीटिंग में विवादास्पद मुद्दों पर चर्चा की गई और इसके बाद निगम के अधिकारियों ने ठोस आश्वासन दे दिया। तत्पश्चात जिनिंग मिल्स के मालिकों तथा व्यापारियों ने कपास की खरीद करने पर अपनी सहमति व्यक्त कर दी।
तेलंगाना में लगभग 318 जिनिंग इकाइयां हैं जिसने हाल ही में कपास की खरीदारी आरंभ की थी। किसानों की शिकायत थी कि उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 1000/1500 रुपए प्रति क्विंटल कम भुगतान किया जा रहा है।
सरकार ने इस बार लम्बे रेशे वाली कपास का एमएसपी 7521 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। जिनिंग मिल मालिकों ने इसके लिए सीसीआई को जिम्मेदार ठहराया।
दरअसल इन इकाइयों ने कपास की जिनिंग के लिए 1495 रुपए प्रति गांठ (170 किलो) की मांग की थी मगर कपास निगम केवल 1345 रुपए प्रति गांठ की दर से भुगतान करने पर सहमत हो सका।