iGrain India - रेगिना । पश्चिमी कनाडा की मंडियों में पीली मटर का भाव लगभग स्थिर बना हुआ है और उत्पादकों तथा निर्यातकों का ध्यान भारत पर केन्द्रित है जहां इसके शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा 31 दिसम्बर को समाप्त होने वाली है।
इसकी अवधि अगर आगे नहीं बढ़ाई गई तो कनाडा तथा रूस को अपना विशाल स्टॉक बेचने में कठिनाई हो सकती है। भारतीय आयातक भी अगले साल के महीनों की डिलीवरी के लिए पीली मटर का सौदा करने से हिचकने लगे हैं।
आयातक और निर्यातक- दोनों ही फिलहाल 'इंतजार करो और देखों' की नीति अपना रहे हैं। कनाडा में पीली मटर का एफओबी भाव 10.50-11.00 डॉलर प्रति बुशेल के बीच स्थिर बना हुआ है।
आगामी महीनों की डिलीवरी के लिए इसका भाव कुछ ऊंचा होने की उम्मीद है मगर इसमें भारतीय कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
हरी मटर में मांग स्थिर बनी हुई है जिससे कहीं-कहीं इसका दाम सुधरकर 16.50 डॉलर प्रति बुशेल हो गया है। मापले मगर का मूल्य 20 से 24 डॉलर प्रति बुशेल के बीच देखा जा रहा है।
कनाडा में 2024-25 के मार्केटिंग सीजन के दौरान मटर के उत्पादन में कुछ इजाफा हुआ लेकिन अगले सीजन में किसानों का रूझान इसकी खेती में घट सकता है। भारत में मटर, मसूर एवं चना की बिजाई अभी जारी है और कीमतों में लगभग स्थिरता का माहौल देखा जा रहा है।
कनाडा से दिसम्बर-जनवरी शिपमेंट के लिए पीली मटर का निर्यात ऑफर मूल्य भारत के लिए 450 डॉलर प्रति टन तथा रूस से नवम्बर-दिसम्बर की डिलीवरी के लिए 400 डॉलर प्रति टन बताया जा रहा है।
यह देखना दिलचस्पी होगा कि भारत सरकार पीली मटर का आयात आगे भी जारी रखना चाहती है या इसे रोकने का प्रयास करती है। ऑस्ट्रेलिया से चना का आयात जारी है।
कनाडा से भारत के साथ-साथ चीन सहित कई अन्य देशों को भी मटर का निर्यात किया जाता है। वहां अभी इस दलहन का अच्छा खासा स्टॉक मौजूद है और इसलिए इसका निर्यात बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। निकट भविष्य में कीमतों में ज्यादा तेजी आना मुश्किल है।