नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। चावल, गेहूं, बाजरा, दालें, दूध, मछली, प्याज और अन्य वस्तुओं सहित घरेलू और रसोई के सामानों की कीमतों में वृद्धि के कारण जुलाई के महीने में कृषि और ग्रामीण मजदूरों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में वृद्धि हुई।कृषि मजदूरों और ग्रामीण मजदूरों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (आधार: 1986-87100) जुलाई, 2022 के महीने के लिए क्रमश: 6 अंक बढ़कर 1131 और 1143 अंक पर पहुंच गया।
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सूचकांक में वृद्धि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग रही। खेतिहर मजदूरों के मामले में इसने 20 राज्यों में 1 से 13 अंक की वृद्धि दर्ज की। तमिलनाडु 1301 अंकों के साथ सूचकांक तालिका में शीर्ष पर है जबकि हिमाचल प्रदेश 890 अंकों के साथ सबसे नीचे है।
ग्रामीण मजदूरों के मामले में 20 राज्यों में 1 से 13 अंक की वृद्धि दर्ज की गई। तमिलनाडु 1290 अंकों के साथ सूचकांक तालिका में सबसे ऊपर है जबकि हिमाचल प्रदेश 942 अंकों के साथ सबसे नीचे है।
राज्यों में, कृषि और ग्रामीण मजदूरों दोनों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या में अधिकतम वृद्धि असम (13 अंक प्रत्येक) में मुख्य रूप से चावल, हरी मिर्च, सब्जियों और फलों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण हुई।
सीपीआई-एएल और सीपीआई-आरएल पर आधारित मुद्रास्फीति की बिंदु दर जुलाई, 2022 में 6.60 प्रतिशत और 6.82 प्रतिशत रही, जबकि जून, 2022 में क्रमश: 6.43 प्रतिशत और 6.76 प्रतिशत और 3.92 प्रतिशत और 4.09 थी।
इसी तरह, खाद्य मुद्रास्फीति जुलाई, 2022 में 5.38 प्रतिशत और 5.44 प्रतिशत रही, जो जून, 2022 में क्रमश: 5.09 प्रतिशत और 5.16 प्रतिशत थी और पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान क्रमश: 2.66 प्रतिशत और 2.74 प्रतिशत थी।
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