iGrain India - वैंकुवर । ऑस्ट्रेलिया की एक सरकारी एजेंसी ने मसूर का उत्पादन 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन में घटकर 11.16 लाख टन पर सिमटने का अनुमान लगाया है जिससे वहां इसके निर्यात योग्य स्टॉक में भारी गिरावट आ जाएगी।
दूसरी ओर भारत में मसूर का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष से आगे चल रहा है और मौसम अनुकूल रहने पर इसके उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद की जा सकती है।
कनाडा में मसूर फसल की कटाई-तैयारी पहले ही समाप्त हो चुकी है और वहां इस बार उत्पादन अपेक्षाकृत बेहतर हुआ है लेकिन इसका निर्यात प्रदर्शन उत्साहवर्धक नहीं देखा जा रहा है।
पश्चिमी कनाडा की मंडियों में सीमित कारोबार के बीच मसूर का भाव पछले कुछ दिनों से या तो एक निश्चित सीमा में स्थिर बना हुआ है या इससे मामूली उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।
वस्तुतः कनाडा के मसूर उत्पादकों एवं निर्यातकों की नजर ऑस्ट्रेलियाई उत्पादन एवं भारतीय मांग पर काफी हद तक केन्द्रित है। भारत कनाडाई मसूर का प्रमुख आयातक देश है अगर हाल के वर्षों में यहां ऑस्ट्रेलिया से भी इस महत्वपूर्ण दलहन के आयात में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है।
एक और खास बात यह है कि भारत में मसूर के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा 31 मार्च 2025 तक नियत है। उससे पूर्व कनाडा और ऑस्ट्रेलिया- दोनों देशों से उसका आयात जारी रहेगा।
कनाडा में लाल मसूर का भाव 33-34 सेंट प्रति पौंड पर स्थिर बना हुआ है। हरी मसूर की मांग कुछ सुस्त पड़ गई है। मोटी (बड़ी) हरी मसूर का दाम नम्बर 2 ग्रेड के लिए 58-60 सेंट प्रति पौंड तथा छोटी हरी मसूर का भाव नम्बर 1 ग्रेड के लिए 53-54 सेंट प्रति पौंड बताया जा रहा है जो पिछले सप्ताह के बराबर ही है।
मीडियम हरी मसूर के मूल्य में भी कोई खास बदलाव नहीं हुआ। आगामी समय में कई कारकों पर इसकी कीमत निर्भर करेगी।
कनाडा में अगल वर्ष अप्रैल-जून के दौरान मसूर की बिजाई होगी जबकि कहीं-कहीं इसकी अग्रिम खरीद का अनुबंध शुरू होने की सूचना मिल रही है। अगले सीजन में वहां हरी मसूर का क्षेत्रफल वहां कुछ बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है।