iGrain India - अच्छी आवक के कारण सोयाबीन की कीमतों पर दबाव बरकरार नई दिल्ली । प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण थोक मंडियों में नए माल की भारी आपूर्ति होने तथा व्यापारियों एवं मिलर्स के साथ-साथ सरकारी एजेंसियों की खरीद की गति भी धीमी रहने से सोयाबीन के दाम पर दबाव बना हुआ है। आयात विदेशों से भारी मात्रा में सस्ते सोयाबीन तेल का आयात हो रहा है जबकि सोयामील के वैश्विक बाजार मूल्य में गिरावट आ गई है। महराष्ट्र में सरकार का गठन हो चुका है मगर अभी तक 6000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से सोयाबीन खरीदने की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। प्लांट भाव 29 नवम्बर से 5 सितम्बर वाले सप्ताह के दौरान तीनों शीर्ष उत्पादकों राज्यों- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान में सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी मूल्य में 50-100 रुपए प्रति क्विंटल की औसत गिरावट दर्ज की गई और यह 4300-4500 रुपए प्रति क्विंटल के बीच आ गया जो 4892 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी नीचे है। इससे किसानों में भारी असंतोष है। जब तक समर्थन मूल्य या इससे ऊंचे दाम पर सरकारी खरीद जोर नहीं पकड़ती है तब सोयाबीन का भाव तेज होने में संदेह बना रहेगा। इसका असर सोया उत्पादों की कीमतों पर पड़ना स्वाभाविक ही है। सोया तेल (रिफाइंड)सोया रिफाइंड तेल के दाम में प्रति 10 किलो पर 5-10 रुपए की नरमी रही जबकि सोयाबीन तेल का भाव कांडला में 15 रुपए सुधरकर 1275 रुपए तथा हल्दिया में 45 रुपए बढ़कर 1315 रुपए प्रति 10 किलो पर पहुंच गया। सोया रिफाइंड तेल में मांग कमजोर देखी जा रही है। आवक राष्ट्रीय स्तर पर मंडियों में सोयाबीन की आवक 29 नवम्बर को 6.75 लाख बोरी, 2 दिसम्बर को 7.50 लाख बोरी, 3 दिसम्बर को 6.50 लाख बोरी, 4 दिसम्बर को 5.15 लाख बोरी तथा 5 दिसम्बर को 6.15 लाख बोरी दर्ज की गई। सोया डीओसी का भाव कमजोर रहा क्योंकि इसकी निर्यात मांग घट गई है। नवम्बर में सोया तेल के आयात 15.20 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है।