iGrain India - ढाका । राष्ट्रीय राजस्व बोर्ड (एनबीआर) ने सूरजमुखी तेल, कैनोला तेल, सोयाबीन तेल एवं पाम तेल सहित सभी तरह के खाद्य तेलों को टैक्स तथा वैट के भुगतान से मुक्त कर दिया है।
इसका उद्देश्य विदेशों से सस्ते आयात के जरिए घरेलू प्रभाग में खाद्य तेलों की आपूर्ति एवं उपलब्ध्ता बढ़ाना तथा कीमतों में आने वाली तेजी को नियंत्रित करना है।
बांग्ला देश में खाद्य तेलों की कमी महसूस की जा रही है और इसका भाव ऊंचा चल रहा है जिससे आम आदमी की कठिनाई बढ़ गई है।
एनबीआर द्वारा जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि क्रूड एवं रिफाइंड श्रेणी के सभी खाद्य तेलों को मार्च 2025 तक के लिए आयात शुल्क, नियामक शुल्क तथा एडवांस इनकम टैक्स (एआईटी) के दायित्व से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है।
इसके अलावा समीक्षाधीन अवधि के दौरान मूल्य संवर्धित कर (वैट) से भी छूट प्रदान की गई है जिसका भुगतान अंतिम (वास्तविक) उपभोक्ताओं को करना पड़ता है। इन परिवर्तन की जानकारी देने के लिए एनबीआर द्वारा तीन अलग-अलग सर्कुलर जारी किए गए हैं।
खाद्य तेलों के आयात पर लगने वाले वैट की दर को 15 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत नियत किया गया है। इसके फलस्वरूप आयातकों को अब खाद्य तेलों के आयात पर केवल 5 प्रतिशत के वैट का भुगतान करने की जरूरत पड़ेगी जबकि अन्य सभी शुल्कों एवं टैक्सों से उसे छुटकारा मिल जाएगा।
एनबीआर के मुताबिक इन बदलावों के कारण घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के दाम में 40-50 टका प्रति लीटर तक की गिरावट आ सकती है। जिससे आम लोगों को भारी राहत मिलेगी।
ध्यान देने की बात है कि बांग्ला देश ट्रेड एंड टैरिफ कमीशन ने दो सप्ताह पूर्व ही इन परिवर्तनों की सिफारिश की थी जिसमें खासकर सूरजमुखी तेल तथा कैनोला तेल (रेपसीड तेल) पर आयात शुल्क एवं वैट को घटाने या हटाने का सुझाव विशेष रूप से दिया गया था ताकि उपभोक्ताओं को ज्यादा विकल्प मिल सके।