iGrain India - सिंगापुर । कौंसिल ऑफ पाम ऑयल प्रोड्यूसिंग कंट्रीज (सीपीओपीसी) ने वर्ष 2025 के दौरान पाम तेल का भाव 4000 से 5000 रिंगिट (899-1124 डॉलर) प्रति टन के बीच रहने का अनुमान लगाया है क्योंकि इंडोनेशिया एवं मलेशिया जैसे शीर्ष उत्पादक एवं निर्यातक देशों में क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का उत्पादन काफी हद तक स्थिर रहने की संभावना है।
कौंसिल के उप महासचिव के अनुसार पाम तेल की वैश्विक मांग बढ़ती जा रही है और ऐसी हालत में यदि उत्पादक स्थिर रहा तो स्वाभाविक रूप से कीमतों में तेजी-मजबूती का माहौल बरकरार रह सकता है क्योंकि आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति जटिल बनी रहेगी।
वर्तमान समय में सीपीओ का वायदा भाव 5000 रिंगिट (1124 डॉलर) प्रति टन के आसपास चल रहा है मगर इसे अस्थायी माना जा रहा है।
कीमतों में आई इस तेजी का प्रमुख कारण मलेशिया की भयंकर बाढ़ को माना जा रहा है। इससे बाजार को ऊपर उठने का अवसर मिल रहा है।
इसके अलावा इंडोनेशिया-मलेशिया के बागानों में पुराने पेड़ों की संख्या काफी बढ़ गई है जिससे ऑयल पाम की उपज दर में गिरावट आने की संभावना है।
नए बागानों का सीमित विकास-विस्तार हो रहा है और मौसम की हालत भी ज्यादा अनुकूल रहने की संभावना नहीं है।
ऑयल पाम की उपलब्धता सीमित रहने से पाम तेल का उत्पादन बढ़ाना मुश्किल होगा इसके फलस्वरूप सीपीओ की मांग एवं आपूर्ति के बीच जटिल समीकरण बनने के आसार हैं।
उल्लेखनीय है कि सीपीओपीसी एक अंतर-सरकारी संगठन है जो संसार के पाम तेल उत्पादक देशों के बीच सहयोग एवं सौहार्द को बढ़ाने के लिए क्रियाशील रहता है।
इस संगठन के पूर्वकालीन सदस्यों में इंडोनेशिया, मलेशिया, होंडुरास तथा पापुआ न्यू गिनी शामिल है। इसके अलावा कोलम्बिया, घाना, नाइजीरिया तथा कांगो इसके पर्यवेक्षक सदस्य हैं।
अब थाईलैंड को भी इसमें सम्मिलित करने का प्रयास किया जा रहा है जो संसार में पाम तेल का तीसरा सबसे प्रमुख उत्पादक देश बन गया है। पाम तेल का उत्पादन मुख्यत: दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका तथा दक्षिण अमरीका महाद्वीप के कुछ देशों में होता है।