iGrain India - जकार्ता । इंडोनेशियन पाम ऑयल एसोसिएशन (गापकी) ने आगाह किया है कि यदि क्रूड पाम तेल (सीपीओ) के निर्यात पर अगले साल लेवी को बढ़ाकर 10 प्रतिशत तक नियत करने के प्लान पर अमल किया गया तो वैश्विक बाजार में इसकी प्रतिस्पर्धी क्षमता घट जाएगी और स्थानीय उत्पादकों तथा निर्यातकों को कठिन समस्या का सामना करना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान समय में वहां सीपीओ के निर्यात पर 7.5 प्रतिशत का लेवी लागू है जबकि रिफाइंड पाम तेल एवं आरबीडी पामोलीन पर 3 से 6 प्रतिशत के बीच रिफरेंस मूल्य प्रभावी है।
गापकी के चेयरमैन का कहना है कि निर्यात लेवी में बढ़ोत्तरी होने पर इंडोनेशियाई पाम तेल के निर्यात की प्रतिस्पर्धी क्षमता अन्य पड़ोसी निर्यातक देशों और खासकर मलेशिया तथा थाईलैंड की तुलना में घट जाएगी।
इससे विदेशी खरीदारों को इंडोनेशिया के बजाए इन पड़ोसी देशों से पाम तेल का आयात बढ़ाने का प्रोत्साहन मिलेगा।
ध्यान देने की बात है कि इंडोनेशिया के आर्थिक संयोजन मंत्री ने 19 दिसम्बर को कहा था कि सीपीओ पर निर्यात लेवी में बढ़ोत्तरी होने से सकर को बी 40 बायो डीजल प्रोग्राम को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।
यह कार्यक्रम 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होने वाला है जिससे बायोडीजल निर्माताओं को अपने उत्पाद के निर्माण में कम से कम 40 प्रतिशत पाम तेल का उपयोग करना अनिवार्य होगा।
उसे पर्याप्त मात्रा में सीपीओ उपलब्ध करवाने के लिए इसके निर्यात को हतोत्साहित किया जाएगा। आर्थिक संयोजन मंत्री ने यह भी कहा था कि निर्यात लेवी को 10 प्रतिशत तक बढ़ाने का अभी प्रस्ताव रखा गया है
और जब वित्त मंत्रालय द्वारा सम्बन्धित नियमों एवं शर्तों का ब्यौरा जारी किया जाएगा तभी यह प्रस्ताव प्रभावी हो सकेगा।