iGrain India - नई दिल्ली । भारत में परम्परागत रूप से म्यांमार एवं कनाडा से दलहनों का विशाल आयात होता रहा है जबकि बाद में ऑस्ट्रेलिया, रूस एवं यूक्रेन सहित कुछ अन्य देश भी इस सूची में शामिल हो गए।
अब ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील से दलहनों का आयात बढ़ाकर घरेलू प्रभाग में आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों को नियंत्रित की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है।
इन दोनों देशों से दलहनों के आयात को अत्यन्त लाभप्रद बताते हुए केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनकि वितरण मंत्रालय ने कहा है कि भारत की तुलना में वहां फसल उत्पादन का सीजन भिन्न होता है
जिससे घरेलू प्रभाग में आपूर्ति के लीन या ऑफ सीजन में वहां दलहनों का आयात करके उपलब्धता बढ़ाई जा सकती है। इससे देश में कीमतों को नियंत्रित रखने में अच्छी सहायता मिलेगी।
हाल के वर्षों में ब्राजील उड़द के एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता देश के रूप में उभरा है और सरकार का मानना है कि इस लैटिन अमरीकी देश में भारत की तुवर एवं उड़द की आयात मांग को पूरा करने की बेहतर क्षमता मौजूद है
जिससे आगामी वर्षों में वह भारत के लिए इन दलहनों की आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण स्रोत साबित हो सकता है। इससे तुवर एवं उड़द के आयात के लिए म्यांमार पर भारत की विशाल निर्भरता में कमी आ सकती है।
ब्राजील से भारत में वर्ष 2023 के दौरान केवल 4102 टन उड़द का आयात हुआ था जो वर्ष 2024 में अक्टूबर तक उछलकर 22 हजार टन पर पहुंच गया। वर्ष 2025 में वहां से उड़द के आयात में और भी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है।
ब्राजील के कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले दिन नई दिल्ली में उपभोक्ता मामले की सचिव निधि खरे से मुलाकात की और दलहनों में द्विपक्षीय व्यापार की प्रगति के तौर तरीकों पर विचार-विमर्श किया।
जहां तक चना और मसूर का सवाल है तो ऑस्ट्रेलिया से इसका आयात बढ़ाने का जोरदार प्रयास किया जा रहा है। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से ऑस्ट्रेलियाई चना के नए माल की आवक शुरू हो चुकी है और भारत में आयात आरंभ होने से इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ने लगी है।
इसके फलस्वरूप चना के दाम में तेजी पर काफी हद तक ब्रेक लग गया है। भारत में मई 2024 से देसी चना के शुल्क मुक्त आयात की प्रक्रिया जारी है।
ऑस्ट्रेलिया में चना का उत्पादन गत वर्ष के 4.90 लाख टन से उछलकर इस बार 13.30 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान है।