iGrain India - कुआलालम्पुर । मलेशिया के प्रायद्वीपीय क्षेत्र और खासकर पूर्वोत्तर के तटवर्ती भाग तथा उससे सटे दक्षिणी थाईलैंड में अत्यन्त मूसलाधार बारिश तथा भयंकर बाढ़ के प्रकोप से पाम तेल का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है।
मलेशिय में तो नवम्बर के मुकाबले दिसम्बर 2024 में पाम तेल का उत्पादन 15-20 प्रतिशत तक घटने का अनुमान लगाया जा रहा है। अगले सप्ताह जब सरकारी संस्था- मलेशियन पाम ऑयल बोर्ड (एम्पोब) द्वारा मासिक रिपोर्ट जारी की जाएगी तभी क्रूड पाम तेल (सीपीओ) के वास्तविक उत्पादन का आंकड़ा सामने आ सकेगा।
उद्योग समीक्षकों का कहना है कि उत्पादन घटने पर मलेशिया में पाम तेल उत्पादों के सुरक्षित बकाया स्टॉक में कमी आएगी और सीपीओ के बेंचमार्क वायदा मूल्य में तेजी का माहौल बरकरार रहेगा जबकि यह गत ढाई साल के उच्च स्तर पर पहले से ही विराजमान है।
लेकिन सोयाबीन तेल एवं सूरजमुखी तेल के मुकाबले यदि पाम तेल का भाव ज्यादा ऊंचा रहा तो भारत जैसे शीर्ष खरीदार देशों में इसका निर्यात बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। भारत में नवम्बर में भी पाम तेल के आयात में कुछ गिरावट आई थी। दूसरी ओर भारतीय रिफाइनर्स सोयाबीन तेल तथा सूरजमुखी तेल के आयात को प्राथमिकता देने लगे हैं।
उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया के बाद मलेशिया दुनिया में पाम तेल का दूसरा सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है। वहां 26 से 30 नवम्बर के दौरान इतनी बारिश हुई जो छह माह की वर्षा के समतुल्य थी।
इससे देश के बहुत बड़े भूभाग में विनाशकारी बाढ़ आ गई और पाम बागान के साथ-साथ धान के खेतों को भी नुकसान हुआ।
अक्टूबर की तुलना में नवम्बर के दौरान मलेशिया में क्रूड पाम तेल का उत्पादन 9.8 प्रतिशत घटकर 16.20 लाख टन पर अटक गया था जो वर्ष 2020 के बाद नवम्बर का सबसे कमजोर उत्पादन रहा।
देश के कुछ राज्यों में 16 से 20 दिसम्बर के बीच भी अत्यन्त मूसलाधार बारिश हुई। दिसम्बर 2023 के दौरान मलेशिया में 15.50 लाख टन सीपीओ का उत्पादन हुआ था जबकि दिसम्बर 2024 का उत्पादन उससे काफी कम होने का अनुमान है।