iGrain India - कोच्चि । अदरक की फसल तो पहले से ही आ रही है जबकि अब सौंठ का नया माल भी आना आरंभ हो गया है। पहले कर्नाटक में इसकी आवक शुरू हुई और फिर केरल में भी इसकी आपूर्ति होने लगी।
आगामी दिनों में इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है लेकिन मांग एवं खपत का सीजन होने से कीमतों में ज्यादा नरमी आना मुश्किल लगता है। जाड़े के दिनों में उत्तरी भारत में सौंठ का उपयोग बढ़ जाता है।
कर्नाटक में सौंठ के नए माल की आवक अपेक्षाकृत पहले शुरू हो जाती है। पिछले महीने के शुरूआती दिनों के दौरान तमिलनाडु, केरल एवं आंध्र प्रदेश के कुछ भागों में बारिश होने तथा मौसम नम रहने से सौंठ के निर्माण में कठिनाई हो रही थी लेकिन जब मौसम साफ हो गया तब वहां इसका उत्पादन होने लगा।
केरल के कोच्चि टर्मिनल मार्केट में सौंठ की आवक धीरे-धीरे बढ़ने लगी है और गुणवत्ता तथा श्रेणी के आधार पर वहां इसका भाव फिलहाल 260 से 360 रुपए प्रति किलो के बीच बताया जा रहा है।
जल्दी ही दिसावरी बाजारों में इसकी मांग बढ़ने की उम्मीद है लेकिन ऊंचे भाव पर इसका उठाव कुछ सुस्त पड़ सकता है।
हालांकि ठंडे मौसम में अक्सर अदरक की मांग भी तेज रहती है लेकिन इस बार कुछ कमजोर देखी जा रही है। कर्नाटक के अदरक का भाव दिल्ली की थोक सब्जी मंडी में नरम चल रहा है।
इससे कर्नाटक के उत्पादकों को घाटा हो रहा है। इसे देखते हुए उसने अदरक से सौंठ बनाने पर विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया है। एक प्रसिद्ध कहावत है कि "हरे रहे तो अदरक, सूख गए तो सौंठ।" अदरक की कमजोर कीमत के बावजूद सौंठ का भाव उत्पादकों के लिए कुछ हद तक लाभप्रद बना हुआ है।
राष्ट्रीय राजधानी में सोंठ का भाव 27,000-28,000 रुपए प्रति क्विंटल बताया जा रहा है जो कुछ दिन पूर्व 30,000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहा था। कर्नाटक की तुलना में केरल में सौंठ का भाव कुछ ऊंचा है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र और खासकर सिलीगुड़ी से अदरक की आवक बहुत कम हो रही है जिससे कीमतों को बल मिल सकता है।