नई दिल्ली, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। अरहर और उड़द के भंडार की वास्तविक स्थिति का निरीक्षण करने के लिए भारत सरकार के अधिकारियों ने चार राज्यों में 10 विभिन्न स्थानों का दौरा किया है।इस संबंध में उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने इन अधिकारियों के साथ एक आंतरिक बैठक की है। इस दौरान रोहित कुमार सिंह ने प्रमुख दाल बाजारों का दौरा किया और विभिन्न बाजारों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। पिछले सप्ताह के दौरान, 15 अप्रैल को सचिव, भारत सरकार द्वारा इंदौर में अखिल भारतीय दाल मिल्स संघ के साथ एक बैठक आयोजित करने के अलावा, विभाग ने 12 वरिष्ठ अधिकारियों को वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु राज्यों में विभिन्न स्थानों का दौरा करने के लिए प्रतिनियुक्त किया था।
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मुताबिक, बाजार के जमीनीस्तर के प्रतिनिधि और राज्य के अधिकारियों के साथ बातचीत से पता चला कि जहां ई-पोर्टल पर पंजीकरण और भंडार के बारे में सूचना प्रदान करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है, वहीं बड़ी संख्या में बाजार प्रतिनिधियों ने या तो पंजीकरण नहीं कराया है या नियमित आधार पर अपने भांडार की स्थिति को अपडेट करने में विफल रहे हैं।
यह देखा गया है कि लेन-देन के अंतर्गत भंडार, जैसे, नीलामी के लिए मंडी में पड़े किसान के भंडार, बंदरगाहों पर सीमा शुल्क निकासी की प्रतीक्षा कर रहे भंडार आदि वर्तमान निगरानी तंत्र से बच गए। इसके अलावा, यह भी देखा गया है कि मिल मालिकों और व्यापारियों, डीलरों ने जानबूझकर भंडार घोषणा से बचने के लिए किसानों के नाम पर अपने भंडार को गोदामों में रखने का सहारा लिया है।
विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इंदौर, चेन्नई, सेलम, मुंबई, अकोला, लातूर, शोलापुर, कालबुर्गी, जबलपुर और कटनी जैसे विभिन्न स्थानों का दौरा किया और राज्य सरकारों, मिलर मालिकों, व्यापारियों, आयातकों तथा बंदरगाह प्राधिकरणों के अधिकारियों के साथ, मिलर मालिकों, आयातकों और व्यापारियों के संघों के साथ बातचीत तथा बैठक आयोजित की है।
मंत्रालय का कहना है कि बाजार के प्रतिनिधियों को भंडार की घोषणा के महत्व के बारे में जागरूक किया गया था और उन्हें अपने भंडार को सच्चाई एवं नियमित रूप से घोषित करने के लिए कहा गया था, अन्यथा राज्य सरकार द्वारा जब्ती और अघोषित भंडार को जब्त करने जैसी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
आयातक संघ के पदाधिकारियों ने सूचित किया कि तेलंगाना, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे अन्य राज्यों के व्यापारी भी चेन्नई बंदरगाह से अरहर दाल का आयात कर रहे हैं और उन्होंने आयातकों के राज्य में या आयात प्राप्त करने वाले राज्य में अपनी रिपोर्टिग, डेटा का दोहराव नहीं होना सुनिश्चित करने के बारे में स्पष्टीकरण का अनुरोध किया। यह स्पष्ट किया गया था कि भंडार को उस राज्य में रिपोर्ट किया जाना चाहिए, जहां यह भौतिक रूप से उपलब्ध या भंडारण किया गया है।
--आईएएनएस
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