iGrain India - ब्रिसबेन। चालू वर्ष के दौरान ऑस्ट्रेलिया में मसूर का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है जिससे उसे इसके शानदार निर्यात का अवसर मिल रहा है। भारत, श्रीलंका एवं संयुक्त अरब अमीरात सहित अनेक देश इसकी खरीद में अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। भारत इसका सबसे प्रमुख आयातक देश बना हुआ है। इसका कारण ऑस्ट्रेलियाई मसूर का भाव प्रतिस्पर्धी स्तर पर होना है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2023 में ऑस्ट्रेलिया से करीब 1.60 लाख टन मसूर का निर्यात हुआ जो मार्च के शिपमेंट 1.63 लाख टन से कुछ कम रहा। इसके साथ ही चालू मार्केटिंग सीजन की पहली छमाही में यानी नवम्बर 2022 से अप्रैल 2023 के दौरान ऑस्ट्रेलिया से मसूर का कुल निर्यात उछलकर 8.29 लाख टन से ऊपर पहुंच गया जबकि 2021-22 सीजन की समान अवधि में वहां से 4.96 लाख टन मसूर का ही शिपमेंट हो पाया था।
ध्यान देने की बात है कि 2021-22 के मार्केटिंग सीजन (नवम्बर-अक्टूबर) की सम्पूर्ण अवधि के दौरान ऑस्ट्रेलिया से कुल लगभग 9.51 लाख टन मसूर का निर्यात हुआ था जबकि चालू सीजन की पहली छमाही में ही 8.29 लाख टन का शिपमेंट हो गया।
अप्रैल 2023 में ऑस्ट्रेलिया से भारत को सर्वाधिक 1,04,163 टन मसूर का निर्यात हुआ और इसके साथ ही यह उसका सबसे बड़ा खरीदार भी रहा। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया से श्रीलंका ने 18,472 टन एवं संयुक्त अरब अमीरात ने 14,539 टन मसूर का आयात किया।
जहां तक चना का सवाल है तो अप्रैल 2023 में ऑस्ट्रेलिया से इसका निर्यात लुढ़ककर 19,500 टन पर अटक गया जो मार्च के शिपमेंट 52 हजार टन से बहुत कम रहा। अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया पाकिस्तान को सर्वाधिक 9024 टन, संयुक्त अरब अमीरात को 3583 टन तथा नेपाल को 2423 टन चना का निर्यात किया गया।
नवम्बर 2022 से अप्रैल 2023 की छमाही में ऑस्ट्रेलिया से कुल 3,75,285 टन चना का निर्यात हुआ जो नवम्बर 2021 से अप्रैल 2022 की छमाही के कुल शिपमेंट 3,54,446 टन से अधिक रहा। 2021-22 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन (नवम्बर-अक्टूबर) के दौरान ऑस्ट्रेलिया से कुल मिलाकर 6,01,575 टन चना का निर्यात किया गया था।