iGrain India - हैदराबाद। धान का भाव मजबूत होने तथा खुरदुरे चावल वायदा की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति जटिल रहने से भारतीय गैर बासमती चावल का निर्यात ऑफर मूल्य बढ़कर मार्च के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। इस बीच केन्द्र सरकार ने 2023-24 सीजन के लिए धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य 143 रुपए प्रति क्विंटल का भारी इजाफा कर दिया है। उधर मांग कमजोर रहने से थाईलैंड के चावल का निर्यात ऑफर मूल्य कुछ नरम पड़ गया।
निर्यातकों के अनुसार चालू सप्ताह के दौरान 5 प्रतिशत टूटे भारतीय सेला चावल का निर्यात ऑफर मूल्य बढ़कर 388-395 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया जबकि पिछले सप्ताह 375-380 डॉलर प्रति टन चल रहा था। आगामी समय में भी इसमें कुछ और उतार-चढ़ाव आने की संभावना है।
एक चावल निर्यातक का कहना है कि केन्द्र सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7 प्रतिशत या 143 रुपए प्रति बढ़ा दिया है। इसके बाद सामान्य श्रेणी के धान का समर्थन मूल्य 2040 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 2183 रुपए प्रति क्विंटल तथा 'ए' ग्रेड धान का समर्थन मूल्य 2060 रुपए प्रति क्विंटल से 2203 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है।
धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोत्तरी का अनुमान पहले से ही लगाया जा रहा था इसलिए पिछले एक महीने से इसके दाम में मजबूती बनी हुई थी। इससे चावल का दाम भी अंततः बढ़ गया। आगे इसमें नरमी आना फिलहाल मुश्किल लगता है।
बांग्ला देश के खाद्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2022-23 के समूचे वित्त वर्ष (जुलाई-जून) के दौरान शुरूआती 11 महीनों में यानी जुलाई 2022 से मई 2023 के बीच वहां 6.34 लाख टन चावल का आयात किया गया। बांग्ला देश के खाद्य मंत्री का कहना है कि घरेलू उत्पादन बेहतर होने से अगले वित्त वर्ष के दौरान चावल के आयात की जरूरत नहीं पड़ेगी और परिस्थितियों में ही इसका थोड़ा-बहुत आयात हो सकता है।
उधर थाईलैंड के 5 प्रतिशत टूटे चावल का निर्यात ऑफर मूल्य चालू सप्ताह के दौरान 490-495 डॉलर प्रति टन दर्ज किया गया जो पिछले सप्ताह 495 डॉलर प्रति टन चल रहा था। वहां चावल की मांग में ठहराव आ गया है जबकि अगले महीने से इसकी अतिरिक्त आपूर्ति शुरू होने की संभावना है।
अफ्रीकी देशों की मांग सुस्त पड़ गई है क्योंकि थाईलैंड के मुकाबले भारत का चावल काफी सस्ता है।
वियतनाम के 5 प्रतिशत टूटे चावल का दाम 490-495 डॉलर प्रति टन पर स्थिर बना हुआ है जो थाइलैंड के बराबर ही है। वहां व्यापारी एवं निर्यातक किसानों से धान-चावल की जोरदार खरीद करके स्टॉक पोजीशन को मजबूत कर रहे हैं ताकि आगामी महीनों के निर्यात दायित्वों को पूरा करने में कठिनाई न हो। वियतनाम में धान का क्षेत्रफल बढ़ने के आसार है।