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एमएसपी में 9 प्रतिशत की वृद्धि होने से कपास की कीमतों में स्थिरता आने की उम्मीद

प्रकाशित 10/06/2023, 01:23 pm
अपडेटेड 10/06/2023, 01:45 pm
एमएसपी में 9 प्रतिशत की वृद्धि होने से कपास की कीमतों में स्थिरता आने की उम्मीद
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iGrain India - अहमदाबाद । पिछले आठ महीनों के दौरान रूई के घरेलू बाजार भाव में 25 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ चुकी है और अभी इसमें नरमी का ही माहौल बना हुआ है लेकिन व्यापार विश्लेषकों का मानना है कि केन्द्र सरकार द्वारा अगले मार्केटिंग सीजन के लिए कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य में करीब 9 प्रतिशत का इजाफा किए जाने से आगामी समय में इसकी कीमतों में काफी हद तक स्थिरता आ सकती है।

रूई के दाम में आई भारी गिरावट से उन किसानों में काफी असंतोष है जिसने आगे भाव बढ़ने की उम्मीद से इसका स्टॉक रोक लिया था और इससे मंडियों में आवक काफी घट गई थी। 

कपास का भाव अक्टूबर 2022 के 10,000 रुपए प्रति क्विंटल के उच्च स्तर से गिरकर अब 7200 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया है। उद्योग समीक्षकों के अनुसार यदि कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी रहा तो सुविधा सम्पन्न किसान अगले मार्केटिंग सीजन तक अपने उत्पाद की बिक्री के लिए प्रतीक्षा कर सकते हैं जिसके लिए इसका समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है।

कॉटन जिनर्स का कहना है कि एमएसपी में हुई बढ़ोत्तरी से कपास के दाम में आ रही नरमी को रोकने में सहायता मिल सकती है। किसान नीचे दाम पर अपना उत्पाद बेचने के बजाए अक्टूबर-नवम्बर तक इंजतार कर सकते हैं।

अक्टूबर 2023 से नया समर्थन मूल्य प्रभावी हो जाएगा। समर्थन मूल्य में हुई बढ़ोत्तरी से किसानों को कपास का उत्पादन क्षेत्र बढ़ाने का प्रोत्साहन मिल सकता है। खानदेश जिनिंग एंड प्रेसिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष के अनुसार जब तक सरकार ने समर्थन मूल्य की घोषणा नहीं की थी तब तक कपास के बिजाई क्षेत्र में गिरावट की आशंका बनी हुई थी मगर अब वह समाप्त हो गई है।

अब इसके क्षेत्रफल में 5 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद की जा रही है। यदि अगले मार्केटिंग सीजन में कपास के उत्पादन में इजाफा होता है तो घरेलू प्रभाग में इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ेगी और टैक्सटाइल उद्योग को ज्यादा मात्रा में कच्चा माल हासिल होगा। इस बार उत्पादन उत्साहवर्धक नहीं रहा। 

केन्द्र सरकार ने 2022-23 सीजन के मुकाबले 2023-24 के मार्केटिंग सीजन हेतु मध्यम रेशेवाली कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6080 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6620 रुपए प्रति क्विंटल तथा लम्बे रेशेवाली किस्म का समर्थन मूल्य 6380 रुपए से बढ़ाकर 7020 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।               

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