iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की अधीनस्थ एजेंसी- भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नैफेड) ने अपने पास मौजूद साबुत चना के विशाल स्टॉक में से 20 प्रतिशत भाग की मिलिंग करवाकर उससे चना दाल का निर्माण करने और खुदरा बाजार में उसे बेचने का प्लान बनाया है।
वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सरकार के पास साबुत चना का अत्यन्त विशाल स्टॉक मौजूद है और अन्य दलहनों का स्टॉक काफी कम है। चना दाल की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाकर अन्य दालों की खपत घटाने की कोशिश की जाएगी ताकि उसकी कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाया जा सके।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्तमान समय में नैफेड के पास लगभग 36 लाख टन चना का विशाल भंडार मौजूद है जिसमें चालू रबी सीजन की खरीद के साथ-साथ पिछला बकाया स्टॉक भी शामिल है।
नैफेड द्वारा मूल्य समर्थन योजना के तहत किसानों से अक्सर भारी मात्रा में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चना खरीदा जाता है। पिछले दो सीजन के दौरान उसे विशाल मात्रा में इसकी खरीद करने के लिए विवश होना पड़ा क्योंकि चना का घरेलू बाजार भाव घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी नीचे आ गया था।
हाल के दिनों में चना के दाम में कुछ सुधार आया है लेकिन फिर भी यह समर्थन मूल्य से कम है। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 2022-23 के रबी सीजन में 135 लाख टन चना के घरेलू उत्पादन का अनुमान लगाया है जो 2021-22 सीजन के लगभग बराबर ही है।
चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य पिछले साल के 5230 रुपए प्रति क्विंटल से 105 रुपए बढ़ाकर इस बार 5335 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है।
शानदार उत्पादन के कारण चना का भाव घटकर समर्थन मूल्य से काफी नीचे आने के कारण किसानों ने सरकारी एजेंसी- नैफेड को अपना उत्पाद बेचने में काफी दिलचस्पी दिखाई है।
सरकार के पास दलहनों का कुल स्टॉक बढ़कर 42.70 लाख टन पर पहुंच गया है जिसमें चना के अलावा अरहर, उड़द, मसूर एवं मूंग का स्टॉक शामिल है और जो रणनीतिक न्यूनतम आरक्षित स्टॉक 23 लाख टन से करीब 20 लाख टन ज्यादा है।
इसमें स्वदेशी उत्पादन के साथ-साथ विदेशों से आयातित दलहन भी शामिल है। व्यापार विश्लेषकों के अनुसार दिल्ली के लारेंस रोड मार्केट में राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र के चना का भाव फिलहाल 5100/5125 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार नेफेड द्वारा एक प्रयोग के तौर पर चना साबुत से चना दाल बनाने और उसका विपणन करने का प्लान बनाया गया है।
केन्द्र द्वारा राज्यों को चना का आवंटन किया जाता है और वे उसे साबुत रूप में ही बाजार में उतार देते हैं। इसे देखते हुए नैफेड अब साबुत चना से दाल का निर्माण करके उसे निर्गत करने पर विचार कर रहा है।
यह चना दाल राज्यों को आवंटित की जाएगी या खुले बाजार में उतारी जाएगी, इस सम्बन्ध में अभी कोई ठोस (पक्का) निर्णय नहीं लिया गया है।
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