iGrain India - नयी दिल्ली । केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधीनस्थ निकाय- कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले दो वर्षों के दौरान इराक में भारतीय बासमती चावल के निर्यात में करीब 45 प्रतिशत की भारी गिरावट आ गई।
वहां इसका निर्यात वित्त वर्ष 2020-21 में 6.45 लाख टन पर पहुंचा था जो 2021-22 में गिरकर 4.86 लाख टन तथा 2022-23 में घटकर 3.64 लाख टन पर सिमट गया।
इराक भी कमोबेश अभी मौद्रिक संकट झेल रहा है वह महंगे भारतीय बासमती चावल की जगह सस्ते सफेद चावल का आयात बढ़ा रहा है। वैसे वहां बासमती चावल की खरीद के प्रति भी आकर्षक बरकरार है जिसका प्रमाण यह है कि इराक ने अप्रैल 2022 में भारत से 35 हजार टन बासमती चावल मंगाया था जबकि अप्रैल 2023 में वहां इसका आयात बढ़कर 57 हजार टन पर पहुंच गया।
निर्यातकों के अनुसार पिछले साल जब भारतीय बासमती चावल का निर्यात ऑफर मूल्य बढ़कर 1000 डॉलर प्रति टन से ऊपर पहुंच गया था तब इराक के आयातकों ने इसकी खरीद की गति धीमी कर दी थी।
वर्तमान समय में इसका भाव उछलकर 1500 डॉलर प्रति टन के आसपास पहुंच गया है लेकिन फिर भी इराकी आयातक इसकी खरीद में दिलचस्पी दिखा हैं क्योंकि वहां समृद्ध वर्ग में यह चावल अत्यन्त लोकप्रिय है।
बासमती चावल का भाव हमेशा अन्य चावल से ऊंचा रहता है। वैसे गैर बासमती भारतीय चावल का निर्यात ऑफर मूल्य सर्वाधिक प्रतिस्पर्धी स्तर पर रहता है।
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