iGrain India - तिरुअनन्तपुरम । इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून एक तो सात दिनों की देरी से 8 जून को केरल में पहुंचा और दूसरे, इसकी गतिशीलता, सघनता एवं तीव्रता भी कमजोर रही।
इसके फलस्वरूप अब तक राष्ट्रीय स्तर पर मानसून की बारिश से सामान्य औसत के मुकाबले 50 प्रतिशत से भी ज्यादा की गिरावट आ गई। मौसम विभाग का कहना है कि अगले सप्ताह मानसून की स्थिति बेहतर हो सकती है और देश के कई इलाकों में बारिश होने की उम्मीद है।
बिपरजॉय तूफान इसकी गति को तेज कर सकता है। 11 जून से ही मानसून में ठहराव देखा जा रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक का कहना है कि अन्य तूफानों के विपरीत बिपरजॉय महातूफान ने मानसून को आगे बढ़ने में आंशिक रूप से सहायता दी है।
18 से 21 जून के दौरान मानसून देश के दक्षिणी एवं पूर्वी भाग में आगे बढ़कर कुछ नए इलाकों में पहुंच सकता है।
मानसून का उत्तरी सिरा अब भी रत्नागिरी, कोप्पल, पुट्टापार्थी, श्री हरी कोटा तथा माल्दा एवं फारबिसगंज से होकर गुजर रहा है। मानसून 11 जून को थम गया था मगर 12 जून को इसमें कुछ गतिशीलता देखी गई जब यह आगे बढ़कर पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों बिहार के कई भागों एवं समूचे सिक्किम में पहुंच गया।
मौसम विभाग के अनुसार 19 से 21 जून के दौरान पूर्वोत्तर भारत, केरल एवं तटीय कर्नाटक में दूर-दूर तक हल्की या सामान्य बारिश होने अथवा गरज-चमक के साथ बौछार पड़ने की संभावना है। इसके अलावा तमिलनाडु, पांडीचेरी एवं आंतरिक कर्नाटक में भी कहीं-कहीं छिटपुट बारिश हो सकती है।
उधर पश्चिमी हिमाचल क्षेत्र तथा इससे सटे पश्चिमोत्तर भारत के मैदानी इलाकों में कहीं-कहीं वर्षा होने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार 1 से 14 जून के दरम्यान समूचे देश में 26.6 मि०मी० बारिश दर्ज की गई जो सामान्य औसत स्तर से 53 प्रतिशत कम रही।
पूर्वी तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में 48 प्रतिशत कम बारिश हुई जबकि वर्षा की कमी पश्चिमोत्तर भाग में 20 प्रतिशत, मध्यवर्ती क्षेत्र में 73 प्रतिशत और दक्षिणी प्रायद्वीप में 54 प्रतिशत की रही।
मौसम विभाग के मुताबिक समीक्षाधीन अवधि के दौरान देश के केवल 23 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र (10 राज्यों / संघ शासित प्रदेश के समतुल्य) में या तो सामान्य या उससे कुछ अधिक बारिश हुई जबकि देश के कुल 717 जिलों में से करीब 559 जिलों में वर्षा सामान्य औसत स्तर से कम हुई।
कई ऐसे जिले है जहां बिल्कुल वर्षा नहीं हुई जबकि कई अन्य जिलों में नगण्य बारिश दर्ज की गई। गुजरात में 12 जून तक 65 प्रतिशत कम वर्षा हुई थी मगर 13-14 जून को तूफान-पूर्व की वर्षा से कुछ बारिश 9 प्रतिशत अधिशेष हो गई।
वहां 12 जून को 9.6 मि०मी० तथा 13 जून को 10.4 मि०मी० वर्षा रिकॉर्ड की गई। पंजाब में 57 प्रतिशत अधिक बारिश होने से किसानों को धान सहित अन्य फसलों की खेती में सहायता मिलेगी।