iGrain India - ब्रिसबेन । हाल के दिनों में दक्षिण-पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में दूर-दूर तक हुई वर्षा से मसूर तथा फाबा बीन्स की फसल को काफी फायदा हुआ और इसकी हालत सुधर गई जबकि न्यू साउथ वेल्स प्रान्त के पश्चिमोत्तर भाग में स्थिति ठीक नहीं होने से चना के बिजाई क्षेत्र में कुछ कमी आने की संभावना है।
मसूर का बाजार वहां काफी हद तक शांत या फिर स्थिर बना हुआ है फिर भी किसान इसकी खेती में अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
सरकारी एजेंसी- अबारेस ने पिछले सप्ताह ऑस्ट्रेलिया की पांच प्रमुख दलहन फसलों के बिजाई क्षेत्र एवं उत्पादन का आरंभिक अनुमान जारी किया था।
अबारेस की रिपोर्ट के अनुसार 2023-24 के वर्तमान सीजन के दौरान ऑस्ट्रेलिया में इन पांच प्रमुख दलहनों- मसूर, चना, मटर, फाबा बीन्स एवं ल्यूपिन का संयुक्त क्षेत्रफल घटकर 26.84 लाख हेक्टेयर पर सिमट जाने का अनुमान है जो 2022-23 सीजन के कुल अनुमानित बिजाई क्षेत्र 39.50 लाख हेक्टेयर से करीब 32 प्रतिशत कम है।
ऑस्ट्रेलिया मसूर का एक प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है। 2022-23 सीजन के दौरान वहां इसका उत्पादन उछलकर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाने से इसका निर्यात योग्य स्टॉक काफी बढ़ गया।
उसे भारत जैसा महत्वपूर्ण बाजार भी मिल गया है जहां भारी मात्रा में इसका शिपमेंट किया जा रहा है।
ऑस्ट्रेलिया में दिसावरी पैकर्स निप्पर एवं हॉल मार्क किस्म की मसूर की पैकिंग 760-770 डॉलर प्रति टन की दर से तथा बड़े दाने वाले नग्गेट एवं जम्बो किस्म की मसूर की खरीद 830 डॉलर प्रति टन के मूल्य स्तर पर कर रहे हैं।
एक समीक्षक के अनुसार बाजार अभी काफी हद तक शांत दिखाई पड़ रहा है और इसकी दशा तथा दिशा में कोई वास्तविक बदलाव नहीं देखा जा रहा है।
शिपर्स का कहना है कि अगले चार सप्ताहों के दौरान साउथ ऑस्ट्रेलिया तथा विक्टोरिया प्रान्त के बंदरगाहों से कुल मिलाकर 1.20 लाख टन से अधिक मसूर का निर्यात शिपमेंट होना है। यह निर्यात बल्क रूप में किया जाएगा क्योंकि कंटेनरों का संकट बढ़ने लगा है।
वर्ष 2020 के आरंभ से ही कंटेनरों की आपूर्ति एवं उपलब्धता तथा इसके किराए-भाड़े की स्थिति अनिश्चित बनी हुई है। बल्क परिवहन अब भी काफी आकर्षक बना हुआ है। दक्षिण एशिया के लिए इसका परिवहन खर्च करीब 50 डॉलर प्रति टन कम है।
वैसे कंटेनरों में भी मसूर का निर्यात हो रहा है। परिवहन की अवधि सामान्य हो गई है जिसका मतलब यह है कि ऑस्ट्रेलियाई बंदरगाहों पर जहाजों के लिए पर्याप्त स्थान बनने लगा है।