iGrain India - हैदराबाद । केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के एक सप्ताह लेट से आने तथा आगे बढ़ने की गति धीमी रहने का राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर कितना और कैसा असर पड़ेगा- इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी और इसका अनुमान बाद में लगाया जा सकता है।
हैदराबाद में जी 20 देशों के कृषि मंत्रियों की तीन दिवसीय मीटिंग का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा है कि मानसून फिलहाल आरंभिक चरण में है और इसका विस्तार जुलाई, अगस्त तथा सितम्बर तक रहेगा।
बाद में एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा है कि वर्तमान समय में कृषि क्षेत्र को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है वह केवल भारत तक सीमित नहीं है बल्कि यह वैश्विक संकट है और इसका समाधान तलाशने के लिए देशों को मिलकर काम करना चाहिए।
जी 20 देश भर मामले पर अधिक ध्यान देंगे और कोई हल निकालेंगे। एक-दूसरे के अनुभवों से काफी कुछ सीखा जा सकता है।
जी 20 के कृषि मंत्रियों की इस तीन दिवसीय बैठक में अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर गंभीर चर्चा होने की संभावना है जिसमें कृषि क्षेत्र में स्थायित्व के साथ निरंतरता, जलवायु सापेक्ष कृषि क्षेत्र, खाद्य सुरक्षा, पोषण, समेकित उत्पाद मूल्य श्रृंखला, खाद्य प्रणाली तथा कृषि क्षेत्र कालाकल्प हेतु डिजीटलीकरण आदि शामिल हैं।
केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री ने इस अवसर पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जहां विभिन्न मंत्रालयों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) तथा तेलंगाना सरकार को विभिन्न उपलब्धियां प्रदर्शित की गई हैं।
कार्यक्रम के प्रथम स्तर में 'लाभ, लोग तथा प्लानेट के कृषि व्यवसाय के प्रबंधन' विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई और इसमें सप्लाई चेन सिस्टम को मजबूत करने के महत्व पर विशेष जोर दिया गया।
जी 20 देशों के करीब 200 प्रतिनिधि इस सम्मलेन में भाग ले रहे हैं जबकि इससे बाहर के 10 अन्य देशों के प्रतिनिधि भी इसमें उपस्थित हुए हैं।
यह कार्यक्रम 15 से 17 जून तक जारी रहेगा और इसमें वैश्विक स्तर पर सम्पूर्ण कृषि क्षेत्र की उन्नति-प्रगति के लिए तमाम उपायों का सुझाव दिया जाएगा। चूंकि भारत का कृषि क्षेत्र अत्यन्त विशाल है और इसका हाल के वर्षों में तेजी से विकास भी हुआ है इसलिए अन्य देश भारत के अनुभवों से काफी लाभ उठा सकते हैं।