iGrain India - नई दिल्ली । प्रलयंकारी महातूफान 'बिपरजॉय' गुजरात में हाहाकार मचाते हुए अब राजस्थान पहुंच रहा है लेकिन सौभाग्य से हवा की गति काफी घट गई है।
15 जून को जब यह गुजरात के सौराष्ट्र एवं कच्छ के बीच जखाऊ बंदरगाह से टकराया था तब हवा की रफ्तार बहुत तेज थी और पूरी रात इसने कई जिलों में भारी तबाही मचाई।
प्रशासनिक सक्रियता के कारण इस तूफान से जान माल का न्यूतनम नुकसान हुआ और केवल कुछ पेड़ तथा बिजली के खम्भे उखड़े तथा कुछ मवेशियों की जान गई। कुछ कच्चे मकानों के गिरने की सूचना भी मिली है।
लेकिन तेज हवा के साथ अत्यन्त मूसलाधार बारिश होने से नीचे इलाकों में पानी भर गया है। जायद सीजन की फसलों को कितना नुकसान हुआ है इसका पता तो सर्वेक्षण के बाद ही चल पाएगा।
लेकिन इतना अवश्य कहा जा सकता है कि लोगों के जीवन को इस प्रचंड तूफान ने कुछ समय के लिए अस्त-व्यस्त कर दिया है। कुछ कल-कारखानों को भी क्षति होने की आशंका व्यक्त की जा रही है जबकि तूफान प्रभावित जिलों में आम जिंदगी ठप्प पड़ गई।
राजस्थान के पांच-छह सीमावर्ती जिलों में तेज-हवा के साथ मूसलाधार वर्षा हो रही है। यदि वहां जान माल का नुकसान न हो तो यह बारिश परोक्ष रूप से खरीफ फसलों की बिजाई के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून राजस्थान में सबसे लेट पहुंचता है इसलिए किसानों को थोड़ी कठिनाई होती है। यह बारिश खेतों की मिटटी में नमी का अंश बढ़ाएगी और इन पांच-छह जिलों में किसानों को खरीफ फसलों की अगैती बिजाई करने में सहायता मिल सकती है।