iGrain India - नई दिल्ली (भारती एग्री एप्प)। हालांकि इंडोनेशिया 10 लाख टन चावल के आयात के लिए पिछले कुछ समय से भारत के साथ बातचीत कर रहा है लेकिन अभी तक किसी करार पर नहीं पहुंचा है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चावल व्यापार के लिए इंडोनेशिया के साथ आपसी सहमति के किसी समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं जैसा कि कुछ न्यूज एजेंसियों ने रिपोर्ट छापी है। इसमें इंडोनेशियाई न्यूज एजेंसी भी शामिल है।
उल्लेखनीय है कि इस न्यूज एजेंसी ने इंडोनेशियाई व्यापार मंत्री को यह कहते हुए उद्घृत किया था कि आगामी अल नीनो मौसम चक्र के खतरे का सामना करने के लिए व्यापार मंत्रालय ने भारत से 10 लाख टन चावल के आयात के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि चावल के तीनों शीर्ष निर्यातक देश- भारत, थाईलैंड तथा वियतनाम को डर है कि अल नीनो की वजह से इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का उत्पादन प्रभावित हो सकता है क्योंकि इस मौसम चक्र के कारण एशिया में बारिश कम होने तथा सूखे का माहौल बनने की आशंका है।
थाईलैंड में चावल का उत्पादन 6 प्रतिशत घटने की संभावना व्यक्त की गई है। इधर भारत में मानसून की वर्षा 37 प्रतिशत कम हुई है जिससे धान का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष से 14.6 प्रतिशत पीछे चल रहा है।
इंडोनेशिया के व्यापार मंत्री का कहना था कि आपसी सहमति के समझौते पर हुए हस्ताक्षर से भारतीय चावल की कीमत एवं उपलब्धता (मात्रा) तो तय हो गई है मगर इसकी खरीद के समय का अभी निर्धारण नहीं हुआ है।
सरकार से सरकार स्तर पर एमओयू पहले से ही मौजूद है। इस वर्ष यदि जरूरत पड़ी तो उसके तहत भी चावल खरीदा जा सकता है।