iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय एजेंसी- भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत प्रथम चरण की ई-नीलामी में बिक्री के लिए कुल मिलाकर जो 4.08 लाख टन गेहूं का ऑफर देने की घोषणा की है उसमें से करीब 66 प्रतिशत कोटे का आवंटन उन 10 राज्यों को किया गया है जहां राष्ट्रीय खाद्य कानून के तहत पिछले साल ही गेहूं के कोटे में प्रति माह करीब 6 लाख टन की कटौती कर दी गई थी और उसके बदले में चावल का कोटा बढ़ाया गया था।
खाद्य निगम द्वारा जारी राज्यवार बिक्री ऑफर के आंकड़ों से पता चलता है कि इस 4.08 लाख टन की कुल प्रस्तावित मात्रा में से लगभग 2.68 लाख टन गेहूं का कोटा बिहार, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात एवं तमिलनाडु जैसे राज्यों को आवंटित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि उपरोक्त 10 राज्यों में पिछले साल से ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गेहूं के मासिक कोटा आवंटन में संयुक्त रूप से 5.97 लाख टन की कटौती हो रही है।
मई 2022 से यह कटौती का निर्णय लागू हुआ था जब सरकार ने गेहूं के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। यह कटौती अभी भी जारी है। चूंकि इस वर्ष भी गेहूं की सरकारी खरीद अपेक्षित स्तर पर नहीं पहुंच सकी और केन्द्रीय पल में इसका विशाल स्टॉक भी उपलब्ध नहीं है इसलिए सरकार इन राज्यों में गेहूं कोटा आवंटन में कटौती के निर्णय को वापस लेने का साहस नहीं दिखा पा रही है।
चावल का स्टॉक भी बहुत लम्बा-चौड़ा नहीं है।
प्रथम चरण की ई-नीलामी के लिए पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक 40,500 टन, उत्तर प्रदेश में 40,000 टन तथा महाराष्ट्र में 38 हजार टन गेहूं की बिक्री का ऑफर दिया गया है।
इसके अलावा बिहार को 32,500 टन, गुजरात को 30,000 टन, मध्य प्रदेश एवं पंजाब को 25-25 हजार टन, उड़ीसा को 21,000 टन हरियाणा, राजस्थान एवं केरल में से प्रत्येक को 20 हजार टन गेहूं का कोटा दिया गया है।
इसी तरह कर्नाटक को 18 हजार टन एवं तमिलनाडु को 15470 टन गेहूं का कोटा प्राप्त हुआ है।