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अप्रैल में बासमती एवं गैर बासमती चावल के निर्यात में वृद्धि

प्रकाशित 26/06/2023, 06:29 pm
अप्रैल में बासमती एवं गैर बासमती चावल के निर्यात में वृद्धि
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iGrain India - नई दिल्ली । औसत इकाई निर्यात ऑफर मूल्य ऊंचा होने के बावजूद अप्रैल 2022 के मुकाबले अप्रैल 2023 में भारत से  प्रीमियम क्वालिटी के बासमती चावल एवं सामान्य श्रेणी के गैर बासमती चावल के निर्यात में अच्छी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।

मालूम हो कि भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक और दूसरा सबसे प्रमुख उत्पादक देश है। एशिया तथा अफ्रीका के अनेक देशों में भारत से चावल का निर्यात किया जाता है। 

वाणिज्य मंत्रालय की अधीनस्थ एजेंसी- एपीडा के आंकड़ों के अनुसार बासमती चावल का निर्यात अप्रैल 2022 के करीब 3.20 लाख टन उछलकर अप्रैल 2023 में 4.25 लाख टन के आसपास पहुंच गया जबकि इसका फ्री ऑन बोर्ड औसत इकाई निर्यात ऑफर मूल्य इसी अवधि में 1013 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 1107 डॉलर प्रति टन हो गया।

इन दोनों कारकों के संयुक्त प्रभाव से बासमती चावल की निर्यात आय भारतीय मुद्रा में 2469 करोड़ रुपए से 56.12 प्रतिशत उछलकर 3855 करोड़ रुपए तथा विदेशी मुद्रा में 32.40 करोड़ डॉलर से 45 प्रतिशत बढ़कर 47 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई।

एपीडा में सूचीबद्ध उत्पादों की सकल निर्यात आय में बासमती चावल का योगदान 21 प्रतिशत दर्ज किया गया। अनेक देशों में इसकी काफी अच्छी मांग बनी रही।

जहां तक सामान्य (मोटे) चावल का सवाल है तो अप्रैल 2023 में इसका निर्यात बढ़कर 14.20 लाख टन पर पहुंच गया जिससे इसकी निर्यात आमदनी भी बढ़कर 4349 करोड़ रुपए या 53 करोड़ डॉलर हो गई।

इसके मुकाबले अप्रैल 2022 में करीब 13.53 लाख टन मोटे चावल का निर्यात हुआ था जिससे 3675 करोड़ रुपए या 48.20 करोड़ डॉलर की आमदनी प्राप्त हुई थी।

इस तरह अप्रैल 2022 की तुलना में अप्रैल 2023 के दौरान और बासमती चावल की निर्यात आय में रुपए की दृष्टि से 18.37 प्रतिशत तथा डॉलर की दृष्टि से 9.92 प्रतिशत का इजाफा हुआ।

समीक्षाधीन अवधि के दौरान मोटे चावल का फ्री ऑन बोर्ड औसत इकाई निर्यात ऑफर मूल्य 357 डॉलर प्रति टन से सुधरकर 373 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया। 

एपीडा में सूचीबद्ध उत्पादों के निर्यात से अप्रैल 2023 में प्राप्त हुई कुल आमदनी में मोटे चावल का योगदान 23.63 प्रतिशत रहा जो अन्य सभी उत्पादों से ज्यादा था।

हैरत की बात है कि सितम्बर 2022 से ही गैर बासमती संवर्ग के कच्चे एवं स्टीम चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लागू है और टुकड़ी चावल के शिपमेंट पर प्रतिबंध लगा हुआ है लेकिन फिर भी मोटे चावल का निर्यात प्रदर्शन बेहतर चल रहा है।

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