iGrain India - तिरुअनन्तपुरम । पिछले पांच दिन के अंदर देश के विभिन्न राज्यों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण राष्ट्रीय स्तर पर मानसूनी वर्षा में गिरावट का स्तर करीब 10 प्रतिशत घट गया। सामान्य औसत के मुकाबले पहले 33 प्रतिशत कम वर्षा हुई थी मगर अब यह कमी 23 प्रतिशत रह गई है।
मौसम विभाग के अनुसार देश के पूर्वी एवं मध्यवर्ती भाग में पहले वर्षा का भारी अभाव बना हुआ था लेकिन अब वहां मानसून सघन और सक्रिय हो गया है।
अगले दो-चार दिनों के अंदर देश के 25 राज्यों में वर्षा होने की संभावना व्यक्त की गई है जबकि जुलाई के प्रथम सप्ताह तक समूचे देश में मानसून के पहुंच जाने का अनुमान लगाया जा रहा है।
यूरोपीय मौसम पूर्वानुमान केन्द्र के अनुसार आज यानी 27 जून को देश के पूर्वी राज्यों तथा मध्यवर्ती भागों में दूर-दूर तक भारी बारिश हो सकती है क्योंकि एक नई लहर केरल- कर्नाटक तट पर पहुंच चुकी है।
मौसम विभाग के मुताबिक जिन इलाकों में पहले 60 प्रतिशत से अधिक वर्षा की कमी महसूस हो रही थी उसका दायरा अब काफी घट गया है। इसमें कोंकण- मुम्बई, मध्य महाराष्ट्र, केरल, मराठवाड़ा, विदर्भ, झारखंड, बिहार तथा पश्चिम बंगाल का मैदानी क्षेत्र शामिल है।
इन सभी क्षेत्रों में अब मानसून ने दस्तक दे दी है और आगामी दिनों में वहां अच्छी बारिश होने के आसार हैं। पश्चिमोत्तर भारत के अधिकांश भाग में सामान्य से अधिक या अधिशेष वर्षा हो चुकी है।
कम से कम इस इलाके में मानसून अपने नियत समय से पहले ही पहुंच गया जिससे इसकी अच्छी प्रगति का संकेत मिलता है।
दरअसल इस बार कम दाब का क्षेत्र जल्दी बनने से न केवल मानसून का ठहराव खत्म हो गया बल्कि इसकी आगे बढ़ने की रफ्तार भी तेज हो गई।
सीजन का पहला कम दाब का क्षेत्र उत्तरी आंतरिक उड़ीसा तथा इससे सटे दक्षिणी झारखंड एवं उत्तरी छत्तीसगढ़ में निर्मित हो गया। इससे उन इलाकों में बारिश जोर पकड़ने की संभावना है जहां अब तक इसका अभाव रहा है।
28 जून तक पूर्वी तथा मध्य पूर्वी भाग में जोरदार बारिश हो सकती है। बाद में यह कम दाब का क्षेत्र पश्चिम तथा पश्चिमोत्तर दिशा की ओर बढ़कर मध्य प्रदेश के उत्तरी भाग में पहुंच जाएगा।
एक सहयोगी पूर्वी-पश्चिमी ट्रफ पश्चिमोत्तर राजस्थान से पश्चिमोत्तर बंगाल की खाड़ी की तरफ बढ़ रहा है। इसी तरह एक समुद्र तटीय ट्रफ पश्चिमी तट से दक्षिणी गुजरात तट होते हुए केरल तट की ओर जा रहा है।
देश के लिए ये सारी परिस्थितियां एक सक्रिय मानसून का संकेत दे रही हैं। इससे पश्चिमी तट के लम्बे भाग के साथ-साथ प्रायद्वीपीय (दक्षिणी) भारत में भारी वर्षा होने की उम्मीद है।
लेकिन इसके आगामी ट्रैक पर नजर रखना आवश्यक है क्योंकि बिहार तथा उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ने के क्रम में यदि मानसून हिमालय की तराई वाले भाग में पहुंच गया तो कुछ दिनों के लिए इसमें ठहराव आ सकता है और इसकी सक्रियता बंद हो सकती है।
मानसून देश के अधिकांश भाग में पहुंच गया है और अब केवल गुजरात, पश्चिमी राजस्थान, पंजाब तथा हरियाणा जैसे राज्यों के कुछ इलाकों में पहुंचना बाकी रह गया है।
समूचे देश में मानसून के पहुंचने की सामान्य तिथि 8 जुलाई है और उम्मीद की जा रही है कि यह उससे पहले ही सभी क्षेत्रों को कवर कर लेगा। इससे खरीफ फसलों की बिजाई की गति बढ़ाने में किसानों को सहायता मिलेगी। मौसम विभाग ने इस वर्ष 'सामान्य' मानसून की भविष्यवाणी की है।