iGrain India - नई दिल्ली । आयातक देशों में मांग मजबूत रहने तथा भारत में पर्याप्त स्टॉक मौजूद होने के साथ-साथ कीमत भी प्रतिस्पर्धी रहने से दाल-दलहनों के निर्यात में शानदार बढ़ोत्तरी हो रही है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2022 में देश से 44332 टन दाल-दलहन का निर्यात हुआ था जो अप्रैल 2023 में लगभग दोगुना बढ़कर 88255 टन की उंचाई पर पहुंच गया। इसके फलस्वरूप निर्यात आय में भी जबरदस्त बढ़ोत्तरी हो गई।
समीक्षाधीन अवधि दाल-दलहनों की निर्यात आय 339 करोड़ रुपए से 115.31 प्रतिशत उछलकर 730 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। इसी तरह विदेशी मुद्रा में इसकी निर्यात आमदनी 4.50 करोड़ डॉलर से 100 प्रतिशत बढ़कर 8.90 करोड़ डॉलर हो गई।
दाल-दलहन का फ्री ऑन बोर्ड औसत इकाई निर्यात ऑफर मूल्य अप्रैल 2022 में 1005 डॉलर प्रति टन था जो अप्रैल 2023 में कुछ सुधरकर 1009 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया।
एपीडा में सूचीबद्ध उत्पादों की कुल निर्यात आय में दाल-दलहन की भागीदारी बढ़कर 4 प्रतिशत के करीब पहुंच गई।
ध्यान देने की बात है कि भारत दुनिया में दाल-दलहन का सबसे बड़ा उत्पादक एवं खपतकर्ता देश होने के साथ-साथ इसका प्रमुख आयातक भी है जहां कनाडा-ऑस्ट्रेलिया से मसूर, म्यांमार से उड़द तथा अफ्रीकी देशों एवं म्यांमार से तुवर का भारी आयात किया जाता है।
इसके अलावा देसी चना, काबुली चना, राजमा एवं लोबिया आदि का भी आयात होता है। पहले मूंग का भी आयात किया जाता था मगर अब इस पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
भारत से दुनिया के कई देशों को दाल-दलहन का निर्यात किया जाता है जिसमें अमरीका एवं यूरोपीय संघ को मुख्यत: ऑर्गेनिक दलहन भेजा जाता है जबकि निकटवर्ती एशियाई देशों को चना तथा अन्य दलहनों की आपूर्ति की जाती है।
हाल के महीनों में इसका निर्यात तेजी से बढ़ा है जिससे बहुमूल्य विदेशी मुद्रा की प्राप्ति में इजाफा हो रहा है। तुवर एवं उड़द का घरेलू बाजार भाव अभी ऊंचा चल रहा है मगर चना तथा मसूर का दाम नीचे है।