iGrain India - नई दिल्ली । चीनी मिलों को एथनॉल उत्पादन की क्षमता बढ़ाने हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने के लिए चलाई जा रही स्कीम की समय - सीमा अब 30 सितम्बर 2023 तक बढ़ा दी गई है।
इस स्कीम के तहत चीनी मिलर्स को एथनॉल उत्पादन संवर्धन के लिए नई डिस्टीलरीज स्थापित करने, मौजूदा डिस्टीलरीज का विकास-विस्तार करने, नया इंसीनेरेशन ब्यॉलर्स लगाने अथवा किसी अन्य विधि- प्रणाली को स्थापित करने जिसे शून्य तरल उत्सर्जन के लिए केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया गया हो, केन्द्र सरकार बैंकों / वित्तीय संस्थानों से आसान किस्तों में चुकाये जाने वाला (सॉफ्ट) ऋण उपलब्ध करवाती है और उस पर लगने वाले ब्याज का भार स्वयं उठाती है।
केन्द्र सरकार ने इस सम्बन्ध में वर्ष 2018 से 2021 के दौरान अधिसूचित सभी योजनाओं (स्कीम) के तहत ऋण वितरण की समयावधि को 30 सितम्बर 2023 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।
जो मिलर्स पहले इस योजनाओं का लाभ उठाने से चूक गए थे या जिसने अब नया प्लान बनाया है वे इसका फायदा उठा सकते हैं। पहले इस स्कीम की समयावधि 31 मार्च 2023 तक निर्धारित की गई थी।
लेकिन ऋण के आवेदनों की प्रोसेसिंग के रास्ते में आने वाली विभिन्न चुनौतियों तथा अनेक एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करने में होने वाली देरी को ध्यान में रखकर सरकार ने इसकी समय सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया।
इस योजना के तहत सरकार वित्तीय ऋण पर 6 प्रतिशत ब्याज या बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले वार्षिक ब्याज के 50 प्रतिशत भाग, जो भी कम हो, का भार स्वयं उठाती है।
सरकारी योजनाओं एवं प्रयासों से देश में एथनॉल की वार्षिक उत्पादन क्षमता बढ़कर 1244 करोड़ लीटर के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है। वैसे इस क्षमता का अभी पूरा इस्तेमाल नही हो रहा है।
चालू मार्केटिंग सीजन में 11 जून 2023 तक डिस्टीलरीज द्वारा खनिज तेल या पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (ओएमसी) को 310 करोड़ लीटर से अधिक एथनॉल की रिकॉर्ड आपूर्ति की गई।
सरकार को उम्मीद है कि एथनॉल प्रोजेक्ट के लिए सॉफ्ट ऋण प्राप्त करने की समय सीमा बढ़ाए जाने से कृषि अर्थ व्यवस्था में मजबूती आएगी, जीवाश्म ईंधन (खनिज तेल) पर निर्भरता घटेगी, विदेशी मुद्रा के खर्च में कमी आएगी और वायु प्रदूषण का खतरा घट जाएगा। खनिज तेल के आयात पर विशाल धनराशि खर्च होती है।