iGrain India - नई दिल्ली । घरेलू प्रभाग में आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) को दोबारा आरंभ करने का फैसला किया है।
इस बार फिलहाल 15 लाख टन गेहूं की बिक्री का ऑफर दिया जाएगा जिसमें से 4.08 लाख टन का ऑफर 28 जून को आरंभ होने वाली पहली ई-नीलामी के तहत दिया गया है। नीलामी की प्रक्रिया दिन में 11 से 2 बजे के बीच होगी।
फ्लोर मिलर्स के तमाम विरोध (आपत्तियों) के बावजूद सरकार ने ओएमएसएस वाले गेहूं के आरक्षित मूल्य में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की। सामान्य औसत क्वालिटी (एफएक्यू) वाले गेहूं का न्यूनतम आरक्षित मूल्य (रिजर्व प्राइस) 2150 रुपए प्रति क्विंटल तथा यूआरएस (हल्की क्वालिटी) वाले गेहूं का आरक्षित मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है।
थोक मंडी भाव इससे काफी ऊपर चल रहा है। उत्तरी भारत के फ्लोर मिलर्स की समस्या यह है कि उसने मंडियों से ऊंचे दाम पर जो गेहूं खरीदा है उसका निस्तारण कैसे होगा क्योंकि सरकारी गेहूं का रेट बहुत नीचे होने से इससे निर्मित उत्पादों का दाम भी सस्ता होगा।
मिलर्स यदि मंडियों से खरीदे गए गेहूं की मिलिंग करते हैं तो उसके उत्पादों का दाम ऊंचा रहेगा जिससे उसकी बिक्री प्रभावित हो सकती है। लेकिन सरकार का ध्यान केवल गेहूं एवं इसके उत्पादों का दाम घटाने पर केन्द्रित है क्योंकि अगले कुछ महीनों में कुछ महत्वपूर्ण राज्यों में विधानसभा का चुनाव होने वाला है जहां बढ़ती खाद्य महंगाई एक बड़ा मुद्दा साबित हो सकती है।
अगले साल लोकसभा का चुनाव होने वाला है और सरकार ने संकेत दिया है कि यदि गेहूं एवं इसके उत्पादों के दाम में अपेक्षित गिरावट नहीं आई तो विदेशों से इसके शुल्क मुक्त आयात की अनुमति देने पर विचार किया जा सकता है।