iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार द्वारा कल यानी 27 जून को दाल-दलहन क्षेत्र से सम्बन्धित दो महत्वपूर्ण घोषणा की गई। पहली घोषणा केन्द्रीय बफर स्टॉक से दाल मिलों को तुवर उपलब्ध करवाने तथा दूसरी घोषणा 3 जुलाई से चना की बिक्री आरंभ करने की थी।
रबी 2022 में मूल्य समर्थन योजना (सीएसएस) के तहत खरीदे गए चना को खुले बाजार में बेचने का निर्णय लिया गया है। दलहनों और खासकर तुवर तथा उड़द की कीमतों को घटाने के लिए प्रयत्नशील सरकार के नीतिगत उपायों का सकारात्मक परिणाम अब धीरे-धीरे सामने आने लगा है।
2 जून 2023 को इन दोनों दलहनों पर भंडारण सीमा लागू किए जाने के बाद से इसके दाम में नरमी का माहौल बनने लगा है। सरकार ने बड़ी-बड़ी कंपनियों को जल्दी से जल्दी अपने दलहन का स्टॉक बाजार में उतारने का सख्त निर्देश दिया है जिसका असर पड़ने लगा है।
इन कंपनियों का दलहन घरेलू बाजार में उतरने लगा है। इसके साथ-साथ भंडारण सीमा की वजह से व्यापारियों ने भी अपना माल उतारना आरंभ कर दिया है। इससे दलहनों की आपूर्ति एवं उपलब्धता में सुधार आने तथा कीमतों पर दबाव बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।
अफ्रीकी तुवर का आयातित माल अगस्त से भारतीय बाजारों में पहुंचना शुरू हो सकता है जबकि म्यांमार से भारी मात्रा में उड़द का आयात हो रहा है भाव दबने लगा है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार ने तुवर एवं उड़द की कीमतों में तेजी के चक्रव्यूह (फंडामेंटल) को ही तोड़ दिया है।
आमतौर पर मई से जुलाई के दौरान देश में दाल-दलहन की खपत घटने की परिपाटी रही है क्योंकि यह आम और हरी सब्जियों का मौसम होता है। लेकिन अगस्त से त्यौहारी सीजन शुरू होने पर दाल-दलहन की कीमतों में कुछ सुधार आ सकता है।
सरकारी एजेंसी- नैफेड के पास अभी करीब 2.50 लाख टन तुवर का स्टॉक मौजूद है जिसका कुछ भाग दाल मिलों को व्यवस्थित ढंग से तब तक उपलब्ध करवाया जा सकता है जब तक अफ्रीकी दलहन भारतीय बाजार में नहीं पहुंचता है।
जहां तक चना का सवाल है तो अधिकांश राज्यों में इसकी सरकारी खरीद बंद हो चुकी है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 27 जून 2023 तक 23.45 लाख टन चना खरीदा गया जबकि 14.62 लाख टन के पिछले बकाया स्टॉक के साथ इसकी कुल उपलब्धता बढ़कर 38.06 लाख टन पर पहुंची जो पिछले साल की समान अवधि में उपलब्ध स्टॉक लगभग 26 लाख टन से 12.06 लाख टन अधिक है।
प्राप्त सूचना के अनुसार नैफेड द्वारा सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों से चना की बिक्री आरंभ की जाएगी जिसमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक एवं तेलंगाना आदि शामिल है।
सरकार के पास चना का भरपूर स्टॉक मौजूद है और दाल मिलों द्वारा इसकी खरीद बढ़ाए जाने की उम्मीद है।