iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने अगले मार्केटिंग सीजन के लिए गन्ना के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में 10 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा करने का निर्णय लिया है।
मालूम हो कि कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने 2023-24 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के लिए गन्ना का उचित एवं लाभकारी मूल्य 2022-23 सीजन के लिए नियत मूल्य 305 रुपए प्रति क्विंटल से 10 रुपए बढ़ाकर 315 रुपए प्रति क्विंटल नियत करने की सिफारिश की थी।
आज यानी 28 जून 2023 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित आर्थिक मामलों की केन्द्रीय कैबिनेट समिति (सीसीईए) की एक महत्वपूर्ण बैठक में सीएसीपी की सिफारिश को मंजूरी प्रदान की गई।
उचित एवं लाभकारी मूल्य गन्ना का एक अनिवार्य मूल्य है जिसका भुगतान देश भर की सभी चीनी मिलों को निश्चित रूप से करना पड़ता है। करीब पांच राज्यों में एफआरपी से ऊपर राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी या सैप) का निर्धारण होता है जहां मिलर्स को अन्य राज्यों की तुलना में गन्ना किसानों को ऊंचे मूल्य का भुगतान करना पड़ता है।
सीसीईए की बैठक के बाद एक केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि गन्ना किसानों के पिछले बकाए का पूरा भुगतान हो गया है और अगले सीजन के लिए गन्ना का एफआरपी भी 10 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ा दिया गया है।
एफआरपी की दर में पिछले सभी नियमों-शर्तों को यथावत रखा गया है। इसके तहत गन्ना से चीनी की औसत रिकवरी दर में होने वाली वृद्धि के आधार पर एफआरपी में भी बढ़ोत्तरी हो जाती है। गन्ना का यह नया मूल्य किसानों के लिए लाभदायक साबित होगा।
केन्द्रीय मंत्री के अनुसार कैबिनेट समिति ने यूरिया पर सब्सिडी को 31 मार्च 2025 तक बरकरार रखने का निर्णय लिया है जिससे किसानों को सस्ते मूल्य पर इसकी आपूर्ति जारी रहेगी। किसानों की भलाई के लिए केन्द्र सरकार हर संभव कदम उठा रही है।
गन्ना के क्षेत्रफल में कुछ इजाफा होने के संकेत मिल रहे हैं और अब सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों में हो रही मानसूनी बारिश से फसल को काफी राहत मिलने की उम्मीद है। गन्ना की क्रशिंग का नया मार्केटिंग सीजन औपचारिक तौर पर अक्टूबर से आरंभ हो जाता है।