iGrain India - मुम्बई । चालू वित्त वर्ष के शुरूआती दो महीनों में भारत से अरंडी तेल का कुल निर्यात 1,14,345 टन का हुआ जिससे 1498.06 करोड़ रुपए की आमदनी हुई।
लेकिन पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले निर्यात प्रदर्शन काफी कमजोर रहा और इसकी मात्रा एवं आमदनी काफी घट गई।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2023 में देश में 56,194 टन अरंडी तेल के निर्यात से 755.05 करोड़ रुपए तथा मई में 58,157 टन के शिपमेंट से 743.01 करोड़ रुपए की आमदनी हुई।
इसके मुकाबले वर्ष 2022 के अप्रैल में 63,104 टन अरंडी तेल का निर्यात हुआ था जिससे 913.05 करोड़ रुपए की आय प्राप्त हुई थी जबकि मई में इसका निर्यात उछलकर 80,791 टन की ऊंचाई पर पहुंच गया था जिससे 1207.60 करोड़ रुपए की आमदनी हासिल हुई थी।
इससे पूर्व 2021 में भी अप्रैल में करीब 69 हजार टन तथा मई में 74 हजार टन अरंडी तेल का निर्यात हुआ था।
प्रमुख आयातक देशों में इस बार अरंडी तेल की मांग अपेक्षाकृत कमजोर देखी जा रही है। भारत से बल्क एवं कंटेनर- दोनों रूपों में अरंडी तेल का निर्यात किया जाता है। ध्यान देने वाली बात है कि भारत दुनिया में अरंडी का सबसे बड़ा उत्पादक एवं अरंडी तेल का सबसे प्रमुख निर्यातक देश है।
वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल-मार्च) की सम्पूर्ण अवधि के दौरान भारत से कुल 6.06 लाख टन से अधिक अरंडी तेल का निर्यात हुआ था जिससे 9027.64 करोड़ रुपए की शानदार आमदनी हुई थी।
निर्यात आय में भारी बढ़ोत्तरी होने का प्रमुख कारण इस महत्वपूर्ण औद्योगिक तेल का फ्री ऑन बोर्ड औसत इकाई निर्यात ऑफर मूल्य का ऊंचा रहना था।
उससे पूर्व वित्त वर्ष 2021-22 में 7804.85 करोड़ रुपए मूल्य के 6.63 लाख टन अरंडी तेल का शिपमेंट किया गया था जबकि 2020-21 के वित्त वर्ष में 6.86 लाख टन से अधिक तेल के निर्यात से 6082.15 करोड़ रुपए की आमदनी प्राप्त हुई थी।
भारत में करीब 70 प्रतिशत अरंडी का उत्पादन गुजरात में होता है। राजस्थान दूसरे नम्बर पर है। इसके अलावा दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में भी अरंडी की खेती होती है। इसकी बिजाई आरंभ हो चुकी है।