iGrain India - बंगलोर । दक्षिण भारतीय राज्य- कर्नाटक में अन्न भाग्य गारंटी योजना के तहत बीपीएल परिवार के प्रत्येक सदस्य को प्रति माह 10 किलो चावल मुफ्त देने की घोषणा की गई थी लेकिन आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना से उचित रेट पर पर्याप्त मात्रा में चावल की खरीद करने असफल रहने के बाद राज्य सरकार ने कहा है कि लाभार्थियों को चावल के बजाए उसकी कीमत के समतुल्य नकद धन राशि प्रदान की जाएगी।
कर्नाटक सरकार ने पहले राज्य के अंदर और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से इस योजना के लिए चावल खरीदने का भरपूर प्रयास किया।
इसके बाद आंध्र प्रदेश, तेलंगाना एवं पंजाब सहित अन्य राज्यों से चावल प्राप्त करने की कोशिश की गई और तीन केन्द्रीय एजेंसियों को इसकी खरीद एवं आपूर्ति के लिए राजी किया गया।
कर्नाटक सरकार 3400 रुपए प्रति क्विंटल की दर से चावल खरीदना चाहती है जो सरकारी रेट है। भारतीय खाद्य निगम पहले इसी मूल्य पर राज्यों को चावल उपलब्ध करवाता था मगर अब उसने इसकी बिक्री स्थगित कर दी है।
अब कर्नाटक में इस योजना के लाभार्थियों को 5 किलो चावल का नकद मूल्य दिया जाएगा जबकि उसे केन्द्र से 5 किलो चावल मिलता रहेगा। बीपीएल परिवार के प्रत्येक सदस्य के बैंक खाते में प्रति माह 170 रुपए जमा किए जाएंगे जो 34 रुपए प्रति किलो के मूल्य स्तर पर आधारित है।
1 जुलाई से राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी अन्न भाग्य स्कीम लागू हो जाएगी और लाभार्थियों के बैंक खाते में राशि जमा होने लगेगी।
कर्नाटक के कानून मंत्री का कहना है कि यह एक अस्थायी उपाय है और जब तक राज्य सरकार पर्याप्त मात्रा में चावल खरीदने में सफल नहीं हो जाती तब तक इसी वैकल्पिक उपाय का सहारा लिया जाएगा।
राज्य सरकार ने इस योजना की जरूरत को पूरा करने के लिए 2.28 लाख टन चावल खरीदने का प्लान बनाया था। वहां 128 लाख गरीब परिवारों के 442 लाख लाभार्थियों को मुफ्त में चावल उपलब्ध करवाया जाना था। यह फ़िलहाल संभव नहीं हो पा रहा है।