iGrain India - तिरुअनन्तपुरम । भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का कहना है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की तेज प्रगति जारी है।
इसका उत्तरी सिरा देश के अंतिम सीमांत भाग तक पहुंच गया है जो सामान्य पहुंच तिथि से कई दिन आगे है और अगले दो तीन दिन में यह सम्पूर्ण देश की भूमि को कवर कर लेगा।
इसका मतलब यह हुआ कि देश के अंतिम छोर पर मानसून अपनी नियत तिथि से करीब एक सप्ताह पूर्व ही पहुंच जाएगा।
ध्यान देने की बात है कि इस बार केरल में मानसून एक सप्ताह लेट से पहुंचा था और 19 जून तक इसकी रफ्तार काफी सुस्त रही थी लेकिन उसके बाद यह तेज गति से आगे बढ़ा और 8-9 दिनों में ही देश के लगभग 90 प्रतिशत क्षेत्र में पहुंच गया।
28 जून को इसका उत्तरी सिरा राजस्थान के बीकानेर में अंतर्राष्ट्रीय से लेकर हरियाणा के नारनौल तथा पंजाब के फिरोजपुर तक पहुंच गया।
मौसम विभाग के मुताबिक मानसून के और आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई है और अगले दो-तीन दिनों में यह राजस्थान, हरियाणा तथा पंजाब के शेष बचे हुए भाग में भी पहुंच जाएगा। इस क्षेत्र में मानसून के आने का सामान्य समय 8 जुलाई है।
28 जून को मध्य प्रदेश के पूर्वोत्तर भाग में ऊपर कम दाब का क्षेत्र मौजूद था जो शीघ्र ही उत्तरी-पश्चिमी दिशा की ओर बढ़ जाएगा। मौसम विभाग के मुताबिक देश के दो दर्जन से अधिक (25) राज्यों में बारिश होने की संभावना है।
वैसे केरल, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा एवं बिहार के साथ-साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश उन मौसम उपखंडों में शामिल हैं जहां सामान्य औसत की तुलना वर्षा की कमी 60 प्रतिशत से ज्यादा देखी जा रही है। लेकिन बिहार में अब वर्षा की रफ्तार बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर कुल मिलाकर वर्षा की कमी अब घटकर 16 प्रतिशत पर आ गई है जो 16 जून को 32 प्रतिशत से ज्यादा थी। देश के अनेक इलाकों में इस अवधि के दौरान अत्यन्त मूसलाधार या भारी बारिश हुई और कहीं-कहीं बाढ़ भी आ गई।
मौसम विभाग ने अगले दो-तीन दिन के दौरान उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं हरियाणा में सामान्य से लेकर भारी वर्षा होने का अनुमान व्यक्त किया है।
इसके अलावा 30 जून को उत्तराखंड में तथा 30 जून से 2 जुलाई के बीच पूर्वी राजस्थान में कहीं-कहीं अत्यन्त मूसलाधार बारिश हो सकती है। बिहार के साथ-साथ महाराष्ट्र के कई भागों में भी अच्छी वर्षा हो रही है जिससे खरीफ फसलों की बिजाई की रफ्तार बढ़ने की उम्मीद है।
धान की रोपाई जोर पकड़ने लगी है जबकि आगामी दिनों में दलहन एवं तिलहन फसलों के उत्पादन क्षेत्र में भी काफी सुधार आने के आसार हैं।