iGrain India - नई दिल्ली । पिछले दिन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) की बैठक में किसानों के हित में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
इसमें मिटटी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने से लेकर खाद्य सुरक्षा एवं पर्यावरण की निरंतरता सुनिश्चित करने हेतु विभिन्न उपाय भी शामिल थे।
कैबिनेट समिति ने यूरिया पर सब्सिडी को तीन वर्षों यानी 2022-23 से 2024-25 तक बरकरार रखने का निर्णय लिया। यह सब्सिडी 3,68,676.70 करोड़ रुपए की आंकी गई है।
गोबरधन प्लांटों से अवशिष्ट पदार्थ, पराली एवं आर्गेनिक खाद आदि के निर्माण एवं उपयोग के लिए मार्केट विकास सहायता (एमडीए) के तौर पर 1451 करोड़ रुपए की राशि को मंजूरी दी गई है जिससे न केवल मिटटी को उर्वरा शक्ति से समृद्ध किया जा सकेगा बल्कि पर्यावरण को साफ-स्वच्छ एवं सुरक्षित रखने में भी सहायता मिलेगी।
इसके अलावा सल्फर आवरण वाले यूरिया (यूरिया गोल्ड) का प्रचलन तथा उपयोग बढ़ाने का निश्चय किया गया है ताकि मिटटी में सल्फर (गंधक) की कमी को पूरा किया जा सके और किसानों के खर्चे को बचाया जा सके।
कैबिनेट समिति द्वारा कुल मिलाकर इस मीटिंग में 3,70,128.70 करोड़ रुपए के पैकेज को स्वीकृति प्रदान की गई जिससे किसानों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से भारी फायदा होने की उम्मीद है।
इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी, प्राकृतिक / आर्गेनिक खेती को बढ़ावा मिलेगा, मिटटी की उर्वरा शक्ति का विकास होगा और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को सुनिचित करने में सहायता मिलेगी।
खरीफ फसलों की बिजाई आरम्भ हो चुकी है और मानसून के जोर पकड़ने से अब बिजाई की रफ्तार भी तेज होने की उम्मीद है। ऐसे समय में किसानों के लिए घोषित यह विशाल एवं बेहतरीन पैकेज काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।