🟢 बाजार ऊपर हैं। हमारे 120K+ समुदाय का प्रत्येक सदस्य जानता है कि इसके बारे में क्या करना है। आप भी जान सकते हैं।40% की छूट क्लेम करें

अपर्याप्त बारिश से देश के कई भागों में धान, तुवर एवं मक्का की बिजाई में देरी

प्रकाशित 30/06/2023, 01:39 pm
अपर्याप्त बारिश से देश के कई भागों में धान, तुवर एवं मक्का की बिजाई में देरी
CT
-
ZS
-
NMZFc1
-

iGrain India - नई दिल्ली । देश के कई भागों में पर्याप्त वर्षा नहीं होने से धान, मक्का एवं तुवर सहित कुछ अन्य प्रमुख खरीफ फसलों की बिजाई में देर हो गई। मौसम विभाग के अनुसार देश के 14 प्रमुख कृषि उत्पादक राज्य अब भी अपर्याप्त वर्षा वाले हैं जिसमें से दो राज्यों में तो बारिश की भारी कमी बनी हुई है।

इससे खरीफ फसलों का उत्पादन प्रभावित हो सकता है और किसानों को कम अवधि में पकने वाली फसलों की खेती की तरफ मुड़ना पड़ सकता है।

हालांकि 22 जून से मानसून की रफ्तार बढ़ी है जो कमोबेश 2-3 जुलाई तक बरकरार रहने की उम्मीद है लेकिन उसके बाद यह कुछ समय के लिए सुस्त पड़ सकता है।

इससे खरीफ फसलों की बिजाई पर असर पड़ेगा। जुलाई को आमतौर पर सर्वाधिक वर्षा वाला महीना माना जाता है और इस माह में खरीफ फसलों की जोरदार बिजाई भी होती है।

एक अग्रणी विश्लेषक के अनुसार जिन इलाकों में मानसून अब तक कमजोर रहा है वहां किसान बारिश की प्रतीक्षा कर रहे हैं और 'इंतजार करो और देखों' की हालत में हैं।

हालांकि दक्षिण पश्चिम मानसून औपचारिक तौर पर लगभग समूचे देश में पहुंच गया है लेकिन महाराष्ट्र में 29 जून तक वर्षा की कमी 50 प्रतिशत तक बनी हुई थी। वहां सामान्य औसत के मुकाबले मराठवाड़ा संभाग में 68 प्रतिशत तथा विदर्भ संभाग में 48 प्रतिशत कम बारिश हुई थी।

तुवर (अरहर) तथा गन्ना के एक अग्रणी उत्पादक राज्य- महाराष्ट्र में सरकार ने अच्छी बारिश  होने तक खरीफ फसलों की बिजाई स्थगित रखने का सुझाव किसानों को दिया है ताकि बाद में कम या अपर्याप्त वर्षा होने की स्थिति में इसकी दोबारा बिजाई का झंझट न रहे। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र सोयाबीन और कपास के उत्पादन में भी दूसरे नम्बर पर रहता है।

इसी तरह पूर्वी भारत के बिहार तथा झारखंड में 29 जून तक सामान्य औसत के मुकाबले क्रमश: 69 प्रतिशत तथा 47 प्रतिशत कम बारिश हुई जबकि दक्षिण भारत के तेलंगाना प्रान्त में बारिश की कमी 49 प्रतिशत दर्ज की गई।

बिहार में कम बारिश को देखते हुए सरकार द्वारा एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई जिसमें खरीफ फसलों की बिजाई तथा सूखे से निपटने की तैयारी का आंकलन किया गया।

खरीफ सीजन के दौरान बिहार में धान एवं मक्का की खेती बड़े पैमाने पर होती है जबकि कुछ अन्य फसलों का भी उत्पादन होता है। तेलंगाना प्रान्त में किसानों को कम समय में पककर तैयार होने वाली किस्मों में धान की खेती करने की सलाह दी गई है।

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित