iGrain India - लंदन । इंटरनेशनल ग्रेन्स कौंसिल (आईजीसी) ने 2021-22 सीजन के मुकाबले 2022-23 सीजन के दौरान खाद्यान्न (गेहूं + मक्का) के उत्पादन में करीब 1.5 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान लगाया है।
कौंसिल की मासिक रिपोर्ट के अनुसार यद्यपि समीक्षाधीन अवधि के दौरान गेहूं का वैश्विक उत्पादन 2.30 लाख टन की वृद्धि के साथ 80.30 करोड़ टन के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया लेकिन मक्का का उत्पादन लगभग 6 प्रतिशत घटकर 115.60 करोड़ टन पर सिमट गया।
मालूम हो कि 2022-23 का मार्केटिंग सीजन आज यानी 30 जून 2023 को समाप्त हो रहा है जबकि कल यानी 1 जुलाई 2023 से नया मार्केटिंग सीजन (2023-24) औपचारिक तौर पर आरंभ हो जाएगा।
आईजीसी के रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 की तुलना में 2022-23 सीजन के दौरान अनाज की कुल वैश्विक खपत में यद्यपि 290 लाख टन की गिरावट आएगी लेकिन फिर भी इसका वैश्विक बकाया स्टॉक घटकर 59.20 करोड़ टन पर सिमटने की संभावना है जो पिछले 9 वर्षों का न्यूनतम स्तर है।
सोयाबीन का वैश्विक उत्पादन 2021-22 सीजन के 35.70 करोड़ टन से सधरकर 2022-23 के सीजन में 36.90 करोड़ टन पर पहुंचने की संभावना व्यक्त करते हुए आईजीसी ने अगले सीजन में उत्पादन उछलकर 40.20 करोड़ टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है।
अमरीका में मौसम की प्रतिकूल स्थिति को देखते हुए आईजीसी ने 2023-24 सीजन के लिए खाद्यान्न का उत्पादन अनुमान 20 लाख टन घटाकर 2.292 अरब टन निर्धारित किया है।
आईजीसी के अनाज एवं तिलहन का मूल्य सूचकांक मई के मुकाबले जून में करीब 1 प्रतिशत ऊंचा हो गया जो मुख्यत: सोयाबीन एवं चावल के दाम में हुए इजाफे का परिणाम था।
मक्का के शीर्ष उत्पादक देशों में अमरीका, चीन, ब्राजील, अर्जेन्टीना, यूक्रेन, रूस, भारत एवं दक्षिण अफ्रीका आदि शामिल है। इसमें से चीन को छोड़कर अन्य देशों से मक्का का निर्यात होता है।
चीन में विशाल उत्पादन के बावजूद मक्का के भारी आयात की आवश्यकता बनी रहती है। सोयाबीन के तीन शीर्ष उत्पादक एवं निर्यातक देशों में ब्राजील, अमरीका तथा अर्जेन्टीना सम्मिलित हैं।
गेहूं के तीन शीर्ष उत्पादक देश- चीन, भारत एवं रूस है। रूस इसका सबसे बड़ा निर्यातक भी है जबकि चावल के निर्यात में भारत दुनिया में सबसे आगे प्रथम स्थान पर है।