iGrain India - अंकारा । तुर्की इस वर्ष कनाडाई मसूर का सबसे प्रमुख बल्क खरीदार बना हुआ है। उसने 2022-23 के मौजूदा मार्केटिंग सीजन के शुरूआती नौ महीनों में कनाडा से लगभग 4.32 लाख टन मसूर का शानदार आयात किया जो इस अवधि में कनाडा से मसूर के हुए सम्पूर्ण बल्क निर्यात का 40 प्रतिशत था।
लेकिन अब ऐसी सूचना मिल रही है कि अगले मार्केटिंग सीजन में वहां मसूर का आयात काफी घट सकता है।
इसका कारण यह है कि एक तो वहां मसूर के उत्पादन में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है और दूसरे, उसकी वित्तीय स्थिति भी ठीक नहीं है। कई अन्य देशों की भांति तुर्की को भी विदेशी मुद्रा और खासकर डॉलर की कमी का संकट झेलना पड़ रहा है।
ध्यान देने की बात है कि पहले भारत कनाडा की मसूर का सबसे प्रमुख बल्क खरीदार था मगर अब तुर्की ने इसे विस्थापित कर दिया है। भारतीय आयातक अब कनाडा के बजाए ऑस्ट्रेलिया से मसूर मंगाने पर ज्यादा जोर देते हैं।
एक अग्रणी व्यापार विश्लेषक के अनुसार तुर्की में इस वर्ष मसूर के बिजाई क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है जबकि मौसम एवं वर्षा की अनुकूल स्थिति के सहारे फसल की औसत उपज दर में करीब 25 प्रतिशत का इजाफा होने की उम्मीद है।
इसके अलावा तुर्की में विदेशों से आयातित मसूर का भी अच्छा खासा स्टॉक मौजूद है। तुर्की में पहले मसूर के आयात पर 20 प्रतिशत का सीमा शुल्क लागू था जिसे बाद में 30 जून 2023 तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
अब इसकी अवधि समाप्त हो गई है मगर आयात शुल्क से छूट की समय सीमा बढ़ाने की कोई घोषणा नहीं की गई है। समीक्षक के अनुसार तुर्की के सभी आयातकों ने अपनी जरूरत के लायक मसूर की खरीद नियत समय से काफी पछले ही कर ली और अब उसका स्टॉक बनाकर निश्चित हो गए हैं।
उन्हें तत्काल इसकी और अधिक खरीद करने में जल्दबाजी दिखाने की आवश्यकता नहीं है। ऐसी हालत में कनाडा में खासकर लाल मसूर का भाव नरम पड़ने की संभावना है। अगले महीने से वहां इसकी नई फसल की कटाई-तैयारी आरंभ होने की संभावना है।
हालांकि कनाडा में मसूर का क्षेत्रफल कुछ घटा है और इसलिए उत्पादन में भी गिरावट आने का अनुमान लगाया जा रहा है मगर हरी मसूर की अच्छी पैदावार हो सकती है।