iGrain India - लालमिर्च में मंदे की संभावना नहीं
नई दिल्ली । चालू सप्ताह के दौरान लालमिर्च के भाव तेजी के साथ बोले गए। जानकार सूत्रों का कहना है कि मंडियों में किसानी मालों की आवक काफी कम रह गई है।
अधिकांश व्यापार केन्द्र के मालों का हो अहा है। गत दिनों उत्पादक केन्द्रों पर हुई बेमौसमी बारिश से लालमिर्च की क्वालिटी एवं उत्पादन दोनों ही प्रभावित हुए थे। जिस कारण अच्छी क्वालिटी के मालों की बाजार में कमी बनी हुई है। अतः डीलक्स मालों में मंदे के आसार नहीं है।
निर्यात मांग कम
गत सप्ताह लालमिर्च में निर्यात मांग कम रही। क्योंकि ईद का पर्व होने के कारण आयातक देशों के व्यापारी अपने देश को लौट गए थे। मगर लोकल मांग अच्छी रही। जिस कारण से कीमतों में सुधार रहा।
सूत्रों का मानना है कि जुलाई में फिर से बांग्ला देश, चीन की लिवाली आ जाएगी। जिस कारण से वर्तमान कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है। भाव धीरे-धीरे बढ़ते रहेंगे।
बिजाई प्रभावित
हालांकि वर्तमान में लालमिर्च की कीमतें ऊंची चल रही हैं लेकिन मानसून में विलम्ब होने के कारण इस वर्ष लालमिर्च की बिजाई में देरी होने के अलावा बिजाई भी घटने के अनुमान है।
मध्य प्रदेश में लालमिर्च की बिजाई का कार्य शुरू हो चुका है। लेकिन व्यापारियों का कहना है मध्य प्रदेश में लालमिर्च की बिजाई गत वर्ष की तुलना में 20/25 प्रतिशत कम रहेगी। क्योंकि लालमिर्च की फसल जोखिम भरी है।
वायरस आदि का खतरा अधिक रहता है। मध्य प्रदेश में किसान डॉलर चना एवं कपास की बिजाई प्राथमिकता देगा। आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में भी मानसून समय पर न आने के कारण बिजाई घट सकती है।
स्टॉक
विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर हुए स्टॉक में अधिकांश माल फटकी, डीडी 273 क्वालिटी का है। जबकि डीलक्स मालों तेजा, रेलीज, ब्यादगी का स्टॉक कम माना जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आंध्र प्रदेश में लालमिर्च का कुल स्टॉक 80/90 लाख बोरी के आसपास होगा। जिसके अकेले गुंटूर में 45/50 लाख बोरी का स्टॉक होने के अनुमान है। इसके अलावा तेलंगाना के खम्मम में 8/10 लाख बोरी एवं वारंगल 15/16 लाख बोरी होने के अनुमान लगाए जा रहे है।
धारणा तेजी की
सूत्रों का कहना है कि निर्यात योग्य क्वालिटी का स्टॉक कम रहने के कारण तेज क्वालिटी में जल्द ही अच्छी तेजी देखी जा सकती है। अनुमान व्यक्त किया जा रहा है कि 8/10 जुलाई से बांग्ला देश की लिवाली फिर बाजारों में आ जाएगी और भाव भी बढ़ेंगे।
सूत्रों का मानना है कि निर्यात मांग निकलने पर तेजा क्वालिटी। का भाव 265/270 रुपए या इससे अधिक बन जाना चाहिेए वर्तमान में तेजा क्वालिटी का भाव 245/250 रुपए प्रति किलो चल रहा है।
भाव मजबूत
चालू सप्ताह के दौरान भी लाल मिर्च के भाव मजबूत रहे। हालांकि निर्यात मांग का अभाव रहा लेकिन व्यापारिक मनोवृत्ति तेजी की होने के कारण भाव घटाकर बिकवाल नहीं है।
जिस कारण से गुंटूर मंडी में तेजा का भाव 245 रुपए से तेजी के साथ 248 रुपए पर बोला गया। खम्मम में तेजा का भाव 244/245 रुपए पर मजबूत रहा। वारंगल में तेजा का भाव 250 रुपए बोला जा रहा था।
निर्यात
भाव ऊंचे होने के कारण लालमिर्च के निर्यात में गिरावट दर्ज की गई है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021-22 के दौरान लालमिर्च का निर्यात 557143.98 टन का किया गया था जोकि वर्ष 2022-23 में घटकर 516184.98 टन का किया गया था जोकि वर्ष 2022-23 में घटकर 516184.91 टन का रह गया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020-21 के दौरान लालमिर्च का रिकॉर्ड निर्यात 649815 टन का किया गया था।