iGrain India - नई दिल्ली । घरेलू प्रभाग में तुवर (अरहर) की पर्याप्त आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने के लिए भारत को चालू वर्ष के दौरान लगभग 12 लाख टन तुवर के विशाल आयात की आवश्यकता पड़ेगी जो पिछले वित्त वर्ष के आयात से करीब 35 प्रतिशत ज्यादा है।
दरअसल अरहर का घरेलू उत्पादन सरकारी अनुमान से काफी कम हुआ है इसलिए भंडारण सीमा सहित अन्य उपायों को सख्ती से लागू किए जाने के बावजूद मंडियों में इसकी सामान्य आपूर्ति नहीं हो रही है।
केन्द्रीय उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह का कहना है कि सचमुच तुवर अब परेशानी का सबब बन गया है। अखिल भारतीय स्तर पर तुवर दाल का औसत खुदरा मूल्य पिछले साल के मुकाबले करीब 25 प्रतिशत बढ़कर 128.66 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है।
लेकिन जब विदेशों और खासकर अफ्रीकी देशों से इसका आयात शुरू होगा तब इसके दाम में नरमी आने लगेगी।
तुवर की कीमतों में आई जोरदार तेजी का प्रमुख कारण इसके घरेलू उत्पादन में भारी गिरावट आना है। उद्योग- व्यापार समीक्षकों के अनुसार पिछले साल देश में करीब 35-36 लाख टन अरहर का उत्पादन हुआ था जबकि चालू वर्ष में यह घटकर 28-29 लाख टन पर सिमट गया। तुवर की वार्षिक घरेलू मांग 44-45 लाख टन के करीब रहती है।
सचिव महोदय के अनुसार कमजोर घरेलू उत्पादन के कारण भारत को प्रत्येक साल विदेशों से भारी मात्रा में इसका आयात करना पड़ता है। इस बार स्वाभाविक रूप से इसका आयात बढ़ाना होगा।
चालू वित्त वर्ष के दौरान 12 लाख टन अरहर का आयात करना होगा जिसमें से अब तक लगभग 6 लाख टन का आयात हो चुका है। तुवर का आयात मुख्यत: म्यांमार एवं पूर्वी अफ्रीकी देशों से होता है।
अफ्रीकी देशों में नई फसल की कटाई-तैयारी एवं मंडियों में आवक अगस्त में शुरू हो जाएगी। इसका अग्रिम अनुबंध पहले ही हो चुका है इसलिए शिपमेंट की प्रक्रिया आरंभ होने में देर नही लगेगी।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल-मार्च) के दौरान भारत में लगभग 8.90 लाख टन तुवर का आयात हुआ था। इसकी कीमतों को नियंत्रित करने के बारे में सचिव महोदय ने कहा कि सरकार ने इसके लिए अनेक कदम उठाए हैं।
इसके तहत 2 जून को तुवर एवं उड़द पर भंडारण सीमा लागू की गई। इससे कीमतों में थोड़ी नरमी आई। इसके साथ-साथ सरकार ने अपने बफर स्टॉक में से 50 हजार टन तुवर को घरेलू बाजार में उतारने का फैसला किया है जिससे कीमतों में और नरमी आने की उम्मीद है।
तुवर के अलावा उड़द दाल का औसत खुदरा मूल्य भी 7.22 प्रतिशत बढ़कर 111.77 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है। म्यांमार से आपूर्ति बढ़ने के साथ ही इसकी कीमतों में नरमी का माहौल बनने लगेगा।
मूंग दाल का दाम 7.07 प्रतिशत बढ़कर 109.23 रुपए प्रति किलो हो गया है जबकि मसूर दाल का भाव 91.78 रुपए प्रति किलो पर है जो पिछले साल से 5 प्रतिशत कम है।