iGrain India - नई दिल्ली । घरेलू बाजार में आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे गंभीर प्रयासों की श्रृंखला की एक कड़ी के रूप में आज यानी 3 जुलाई से तीन दलहनों- चना, तुवर एवं उड़द का स्टॉक खुले बाजार में उतारने की प्रक्रिया आंरभ की जाएगी।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की अधीनस्थ एजेंसी-भारतीय राष्ट्रीय कृषि सरकारी विपणन महासंघ (नैफेड) द्वारा आज इसके लिए टेंडर जारी किया जा सकता है।
ध्यान देने वाली बात है कि चना के दाम में तुवर एवं उड़द जैसा तेज उछाल नहीं आया है लेकिन फिर भी इसकी बिक्री नियत समय से पहले ही शुरू करने का निर्णय लिया गया है क्योंकि सरकार के पास इस महत्वपूर्ण दलहन का स्टॉक बढ़कर 38 लाख टन के करीब पहुंच गया है जो अत्यन्त ऊंचा स्तर है।
दूसरी ओर तुवर का सरकारी स्टॉक महज 1.26 लाख टन के आसपास बताया जा रहा है जिसमें से 50 हजार टन का स्टॉक खुले बाजार में उतारने का फैसला किया गया है।
उल्लेखनीय है कि 2 जून 2023 को भंडारण सीमा लागू होने के बाद से तुवर एवं उड़द के दाम पर दबाव बढ़ा है और इसमें नरमी का माहौल देखा जा रहा है।
दरअसल घरेलू उत्पादन काफी कम होने से इन दोनों दलहनों की कीमतों में भारी तेजी आ गई थी और विदेशों से आयात भी कम हो रहा था।
पिछले सप्ताह उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा था कि तुवर और उड़द के कारण कुछ परेशानी हो रही है लेकिन अगले महीने से अफ्रीकी माल का आयात शुरू होने पर इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतों में नरमी आएगी।
इस बीच सरकार दवारा अपने स्टॉक से तुवर की बिक्री की जाएगी। इसमें कोई संदेह नहीं कि इन दोनों दलहनों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर अपने कदम उठाए गए जिसका सार्थक परिणाम अब सामने आने लगा है।
ऐसा प्रतीत होता है कि सरकारी स्टॉक की बिक्री की घोषणा करके तुवर बाजार में तेजी के मुख्य फंडामेंटल को ही तोड़ दिया गया है। यह सही है कि मांग तथा आपूर्ति के समीकरण के आधार पर बाजार में तेजी-मंदी का माहौल बनता है इसलिए सरकार तुवर एवं उड़द बढ़ाने पर विशेष जोर दे रही है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि टेंडर के तहत चना, तुवर एवं उड़द का न्यूनतम आरक्षित मूल्य कैसा रहता है क्योंकि इसके आधार पर ही बिक्री निर्भर करेगी।