iGrain India - चंडीगढ़ । पंजाब कृषि विभाग द्वारा चालू वर्ष के दौरान राज्य में बासमती धान की खेती 20 प्रतिशत अधिक क्षेत्र में करवाने का प्लान बनाया जा रहा है क्योंकि सरकार पानी की अधिक जरूरत वाले सामान्य या मोटे धान की खेती को हतोत्साहित करने और वैकल्पिक फसलों की खेती को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है।
राज्य में शीघ्र ही बासमती धान की खेती आरंभ होने वाली है। मालूम हो कि सामान्य श्रेणी के मुकाबले बासमती धान की फसल को सिंचाई के लिए पानी की कम आवश्यकता पड़ती है।
पंजाब कृषि विभाग के अनुसार वर्ष 2022 के दौरान राज्य में बासमती धान का कुल क्षेत्रफल 4.94 लाख हेक्टेयर रहा था जिसे 2023 में करीब 20 प्रतिशत बढ़ाकर 6 लाख हेक्टेयर पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
बासमती प्रीमियम क्वालिटी का सुगंधित धान है जिसकी खेती देश के सात राज्यों- पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू कश्मीर में होती है। भारत से भारी मात्रा में बासमती चावल का विदेशों में निर्यात किया जाता है।
इसके अलावा पंजाब सरकार ने बासमती धान के लिए 2600/2800 रुपए प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य निर्धारित करने का प्लान भी बनाया है। बासमती धान की खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग ने "किसान मित्र" पर भरोसा जताया है जो किसानों को इसकी बिजाई के लिए तकनीकी सहयोग- समर्थन प्रदान करेगा।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चालू वर्ष के दौरान पंजाब में बासमती धान का क्षेत्रफल 6 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है और इसके हासिल हो जाने की उम्मीद है।
इसका एक प्रमुख कारण 2022-23 सीजन के दौरान बासमती धान का थोक मंडी भाव काफी ऊंचा एवं तेज रहना है जिससे किसानों को काफी आकर्षक एवं लाभप्रद कमाई हासिल हुई और इसकी खेती में वे भारी उत्साह दिखा सकते हैं।
पंजाब में बासमती धान का उत्पादन क्षेत्र 2020-21 के सीजन में 4.06 लाख हेक्टेयर रहा था जो 2021-22 सीजन में बढ़कर 4.85 लाख हेक्टेयर तथा 2022-23 के सीजन में सुधरकर 4.94 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
केन्द्रीय पूल में चावल का सर्वाधिक योगदान देने वाले राज्य- पंजाब में धान का कुल उत्पादन क्षेत्र 30-31 लाख हेक्टेयर के आसपास रहता है जिसमें बासमती धान का रकबा भी शामिल है।